प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान नंद घर मॉडल का दौरा किया

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी जिले के कटिंग मेमोरियल इंटर-कॉलेज मैदान में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ प्रदर्शनी के दौरान अनिल अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा बनाए गए नंद घर के एक अद्वितीय मॉडल का दौरा किया, जहां माननीय प्रधानमंत्री जी ने नंद घर मॉडल में बच्चों और आंगनबाड़ी दीदियों के साथ बातचीत भी करी।

प्रधानमंत्री की इस यात्रा का उद्देश्य वाराणसी जिले में अलग-अलग विकासात्मक पहलों की सफलता की सराहना करना था और इसके तहत वाराणसी में आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास योजना) का प्रोजेक्ट नंद घर प्रस्तुत किया। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत वाराणसी जिले में 1421 आंगनबाड़ियों को नंद घरों में तब्दील किया गया है। ख़ास तौर पर, इस परिवर्तन में पोर्टा केबिन में आधुनिक तरीके से नंद घर बनाये गए हैं, जो ग्रीनफील्ड, ब्राउनफील्ड और रेंटेड आंगनबाड़िया की पारंपरिक आंगनबाड़ी संरचना में एक बेहतरीन बदलाव है।

वेदांता की नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने आभार प्रकट करते हुए कहा,” वाराणसी में विकसित भारत संकल्प यात्रा में नंद घर मॉडल का दौरा करने के लिए हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति बहुत आभारी हैं। प्रधानमंत्री जी की यात्रा वाराणसी और पूरे देश के व्यापक विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दर्शाती है। हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वाराणसी प्रशासन के सभी अधिकारियों को उनके निरंतर समर्थन के लिए भी धन्यवाद देते हैं। नंद घर जैसी सामाजिक प्रभावशील पहल को शुरू कर वेदांता समूह और अनिल अग्रवाल फाउंडेशन राष्ट्र को सशक्त बनाने में सरकार के प्रयासों को पूरा करने के लिए समर्पित हैं।”

वाराणसी जिले के चीफ़ डेवलपमेंट ऑफिसर (आईएएस) श्री हिमांशु नागपाल ने इस प्रोजेक्ट की सफलता के लिए अनिल अग्रवाल फाउंडेशन को श्रेय देते हुए कहा, “माननीय प्रधान मंत्री जी का विकसित भारत का दृष्टिकोण महिला सशक्तीकरण के साथ- साथ बच्चों के उत्थान और उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने पर जोर देता है। इस मिशन को साकार करने में आंगनबाड़ियों की बहुत ही अहम भूमिका है और वाराणसी जिले भर में आंगनबाड़ी केंद्रों को उन्नत करने में अनिल अग्रवाल फाउंडेशन हमारा साथ दे रही है। जिले की कुल 3914 आंगनवाड़ियों में से, फाउंडेशन 1478 नंद घरों का विकास करने के साथ ही पोर्टा केबिन की शुरुआत कर रहा है। आफ़ ने वाराणसी के बच्चों के लिए मल्टी-मिलेट न्यूट्री बार की एक अनूठी पहल भी शुरू की है, जिसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।”

वाराणसी जिले में होने वाले बड़े बदलावों में प्रोजेक्ट नंद घर प्रथम श्रेणी में आता है, जो की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को एकीकृत करते हुए सामुदायिक संसाधन केंद्रों में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक हैं। नंद घर मॉडल सभी ज़रूरी सुविधाएं देता हैं जैसे सौर पैनल और ग्रिड से 24×7 बिजली, आधुनिक स्वच्छता, स्मार्ट टीवी और टैबलेट से ई-लर्निंग, प्यूरिफायर से सुरक्षित पेयजल और स्मार्ट किट जो व्यापक बाल विकास में मदद करते हैं। विश्व स्तरीय साझेदारों के सहयोग से, नंद घरों ने ई-लर्निंग मॉड्यूल और खेल खेल में सीखो रणनीतियों को अपना कर बच्चों की उपस्थिति, सीखने की क्षमताओं और स्कूल जाने की तैयारी में उल्लेखनीय वृद्धि की है।

इसके अलावा, यह प्रोजेक्ट महिलाओं को कौशल और उद्यमिता प्रशिक्षण देकर और क्रेडिट लिंकेज स्थापित करने में मदद कर उन्हे आत्मनिर्भर होने के लिए सशक्त बनाता है। बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं के लिए पोषण उद्यान की स्थापना के साथ-साथ गर्म पका हुआ भोजन और घर ले जाने वाले राशन की सुविधा भी देता है। बच्चों के दैनिक सेवन को पूरा करने के लिए, प्रधान मंत्री मोदी द्वारा गोद लिए गए वाराणसी जिले के तीन मॉडल ब्लॉकों आराजीलाइन, सेवापुरी और काशी विद्यापीठ सहित 1364 आंगनबाड़ियों और नंद घरों में, लगभग 50,000 बच्चों को मल्टी-मिलेट न्यूट्री बार प्रतिदिन दिए जाते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ मोबाइल स्वास्थ्य वैन और टेलीमेडिसिन सेवाओं के माध्यम से प्रदान की जाती हैं। लाखों लोगों के जीवन को बदलने की अटूट प्रतिबद्धता के साथ, नंद घर एकीकृत विकास और सतत प्रगति का एक प्रमाण है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से प्रोजेक्ट नंद घर, बेहतरीन शिक्षा देकर, स्वास्थ्य देखभाल कर, पोषण और कौशल विकास कर बहुत बड़े बदलाव ला रहा है। वर्ष 2025 तक 29,000 नंद घर विकसित करने के लक्ष्य के साथ, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन पहले ही भारत के 14 राज्यों में लगभग 6000 नंद घर बना चुका है। प्रोजेक्ट नंद घर पोषण अभियान, स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और डिजिटल इंडिया जैसे कई सरकारी कार्यक्रमों के साथ भी जुड़ा हुआ है।

अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के बारे में:

वेदांता के सामुदायिक और सामाजिक कार्यों का दायित्व अनिल अग्रवाल फाउंडेशन पर है। यह फाउंडेशन स्वास्थ्य सेवा, महिला एवं बाल विकास, पशु कल्याण परियोजनाओं और खेल अभियानों पर केंद्रित होकर काम करता है। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन का उद्देश्य समुदायों को सशक्त बनाना, जीवन में परिवर्तन लाना और सस्टेनेबल एवं समावेशी विकास द्वारा राष्ट्र निर्माण में सहयोग देना है। यह फाउंडेशन विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिए पाँच वर्षों में 5000 करोड़ रुपये का योगदान देगा।

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें: https://www.anilagarwalfoundation.org

नंद घर के बारे में:

नंद घर, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की मुख्य सामाजिक पहल है। यह मॉडल प्रोजेक्ट देश में आंगनबाड़ियों को मज़बूत बनाने के लिए काम करता है। देश में इस समय 14 राज्यों में 5800 से ज़्यादा नंद घर काम कर रहे हैं, जो 2.25 लाख से ज़्यादा बच्चों और 1.7 लाख महिलाओं के जीवन में परिवर्तन ला रहे हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्ल्यूसीडी) के सहयोग से स्थापित नंद घर ‘आंगनबाड़ी’ का आधुनिक रूप हैं, जो बच्चों में कुपोषण को खत्म करने, प्रि-प्राइमरी शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और कौशल प्रशिक्षण द्वारा ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं। नंद घर अत्याधुनिक आंगनबाड़ियां हैं, जिनका उद्देश्य देश में काम कर रही 13.7 लाख आंगनबाड़ियों में 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाना है। नंद घरों में 24×7 बिजली, जल शोधक, स्वच्छ शौचालय और स्मार्ट टेलीविजन के संचालन के लिए सौर पैनल लगे हैं, और ये स्थानीय समुदायों के लिए एक मॉडल संसाधन केंद्र बन गए हैं। यहाँ 3-6 साल के बच्चों को प्रि-स्कूल शिक्षा दी जाती है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री महिलाओं को पौष्टिक भोजन, मल्टी मिलेट न्यूट्री बार और घर के लिए राशन उपलब्ध कराया जाता है। मोबाइल स्वास्थ्य वैन और टेलीमेडिसिन सेवाओं द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाती हैं, और महिलाओं को उद्यमिता एवं कौशल विकास द्वारा सशक्त बनाया जाता है।

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