UP Election Date: यूपी में कितने चरणों में कब-कब होगी वोटिंग, जानिए पूरा चुनावी कार्यक्रम

लखनऊ: यूपी में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) की घोषणा कर दी है. शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने विज्ञान भवन में यूपी समेत पांच राज्य में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. यूपी में 29 प्रतिशत मतदाता पहली बार वोट डालेंगे.

उत्तर प्रदेश में 2017 और 2019 में हुए मतदान को लेकर हम लोगों ने काफी कोशिश की है कि जो मतदान प्रतिशत इन 2017 और 2019 का यूपी में रहा है, उसे बढ़ाया जाए. मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया. सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश दिया गया है कि वह डिजिटल माध्यम से मोबाइल के माध्यम से या दूसरे डिजिटल माध्यमों से रैलियों को करेंगे और ताकि कोविड-19 लाइन का पालन किया जाए. चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक पदयात्रा ,रोड शो, साइकिल और बाइक रैली और जनसभा पर रोक लगायी.
पार्टियां केवल डिजिटल और वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार कर सकती हैं. 15 जनवरी के बाद किसी भी राजनीतिक दल को किसी भी तरह की पार्टी करने की अनुमति नहीं होगी. किसी भी तरह के नुक्कड़ सभा सार्वजनिक सड़क या फिर किसी भी तरह की गली में किया जाएगा. मतगणना के बाद किसी भी तरह की रैली जुलूस निकालना प्रतिबंधित रहेगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि कोरोना के दौरान चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण है. चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की गयी. 18.3 करोड़ मतदाता चुनाव में मतदान करेंगे. कोरोना नियमों के साथ चुनाव कराया जाएगा. 5 जनवरी को मतदाता सूची प्रकाशित हुई. सभी पोलिंग स्टेशन पर खास व्यवस्था की गयी है. 24.9 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे.
बूथों की संख्या 16 प्रतिशत बढ़ायी गयी. 2 लाख 15 हजार से ज्यादा मतदान स्थल बनाए गये हैं. महिला मतदाताओं की भागीदारी बढ़ी है. पोलिंग बूथ ग्राउंड फ्लोर पर ही बनाए जाएंगे. 1620 पोलिंग बूथ पर सिर्फ महिला कर्मचारी ही रहेंगी.

सभी राजनीतिक दल चुनाव को लेकर ताबड़तोड़ तैयारियों में जुटे हुए हैं. एक दूसरे पर बयानबाजी का दौर शुरू है. यूपी विधासभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों ने युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है.
वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान हुआ था. पहले चरण का मतदान 11 फरवरी, दूसरे चरण का 15 फरवरी, तीसरे चरण का 19 फरवरी, चौथे चरण का 23 फरवरी, पांचवें चरण का 27 फरवरी, छठे चरण का चार मार्च को और सातवें व अंतिम चरण का मतदान आठ मार्च को हुआ था, जबकि मतगणना 11 मार्च को हुई थी. सीएम योगी ने 19 मार्च 2017 को शपथ ग्रहण किया था.

महिलाओं और वृद्धों की वोटर संख्या में वृद्धि हुई है. मतदान केंद्रों पर गोविंद कार्ड लाइन के अनुसार सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. मतदान केंद्रों पर मार्ग सैनिटाइजर थर्मल स्कैनर के साथ ही कोविड-19 की सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगे. मतदान केंद्रों पर 1,500 के बजाय 1,200 वोटर रहेंगे. मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ने से मतदान कर्मियों की संख्या बढ़ाई गई है. मतदान केंद्रों पर अधिकतम संख्या 1,200 की रखी गई है, लेकिन जो वर्तमान स्थिति है उसमें एक हजार के आसपास मतदान होने की उम्मीद है. सभी विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम एक मतदान केंद्र ऐसा होगा, जो महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा.
वे मतदान केंद्र जो सिर्फ महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे वहां मतदान कर्मी से लेकर सभी मतदाता महिला होंगे वहां पर सुरक्षा व्यवस्था में भी सिर्फ महिला पुलिसकर्मी ही रहेंगे. मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर रहेंगी. तीन तरह के मतदान कर्मियों के लिए वैलिड पोस्टर की व्यवस्था होगी और 3 साल से ऊपर वैसे मतदाता को मतदान केंद्र पर नहीं जा सकते हैं, उनकी वोटिंग बैलट पोस्टल द्वारा करवाई जाएगी. 80 वर्ष के ऊपर मतदाताओं का मतदान कराया जाएगा. उसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी और वहां पर पार्टियों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे.

अगर कोई भी पार्टी किसी अपराधी कर्मी या अपराध से जुड़े व्यक्ति को टिकट देती है, तो उसे अपने अपराध की जानकारी अखबार और टीवी चैनलों पर देनी होगी. पॉलिटिकल पार्टियों को भी ऐसे लोगों को टिकट देने के बारे में जानकारी देनी होगी कि आखिर आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को टिकट क्यों दिया गया. कैंडिडेट को सेलेक्ट करने की 48 घंटे के भीतर पार्टी और उम्मीदवार दोनों को इस बारे में सूचना अखबार और टीवी के माध्यम से देनी होगी.
पॉलिटिकल पार्टियों को भी ऐसे लोगों को टिकट देने के बारे में जानकारी देनी होगी कि आखिर आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को टिकट क्यों दिया गया. कैंडिडेट को सेलेक्ट करने की आन पालिश घंटे के भीतर पार्टी और उम्मीदवार दोनों को इस बारे में सूचना अखबार और टीवी के माध्यम से देनी होगी.

चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोका जाएगा. गैरकानूनी पैसे-शराब पर कड़ी नजर रखी जाएगी. सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है. पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की संख्या में कमी के कारण हमें मतदान केंद्रों को बढ़ाकर 30,330 करना होगा. इससे कुल मतदान केंद्रों की संख्या 2,15,368 हो गई है.
सभी राज्यों के लिए लगभग 900 पर्यवेक्षक की नियुक्ति की जा रही है. भारत की सभी एजेंसियों को यह निर्देश दिया गया है कि किसी भी तरह का है. पैसे की लेनदेन मादक पदार्थों की आवाजाही साथ ही सभी राज्यों की सीमाओं से होने वाली व्यवसाई गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए, ताकि किसी तरह से चुनाव को प्रभावित करने वाली चीजों का आवागमन ना हो सके. सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट की व्यवस्था की जाएगी.

इलेक्शन कमिशन एक ऐप भी विकसित किया है, जिसमें कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का वीडियो अपलोड कर सकता है और फोटो भेज सकता है. अगर कहीं पर चुनाव को प्रभावित करने के लिए कोई भी लाभ देने की कोशिश हो रही है, उसे आम जनता भी बता सकती है. मतदाता प्रतिशत को बढ़ाना इलेक्शन कमिशन की पहली तैयारी में है और इसको लेकर के हम लोग लगातार काम कर रहे हैं.
सभी चुनावकर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी होगी। टीकाकरण अभियान तेज किया जा रहा है. Suvidha Candidate ऐप सक्रिय रहेगा. ये राजनीतिक दलों के लिए है. उन्हें किसी दफ्तर में जाकर रैली वगैरह के लिए इजाजत नहीं मांगनी होगी. वे इस ऐप के जरिए उपलब्धता देख सकेंगे. Cvigil ऐप का इस्तेमाल आम जनता और मतदाता कर सकेंगे.

किसी भी गड़बड़ी की फोटो खींचकर इस ऐप पर अपलोड की जा सकेगी. 100 मिनट के अंदर चुनाव आयोग की टीम, वहां पहुंचकर जरूरी कदम उठाएगी. 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग व्यक्ति और कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति पोस्टल बैलेट से मतदान कर सकते हैं.
2017 के चुनाव में बीजेपी की आंधी में दूसरे दल काफी कमजोर साबित हुए थे. बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 324 सीटें हासिल की थीं. इनमें से बीजेपी ने अकेले दम पर 311 सीटें जीती थीं, जबकि अपना दल (सोनेलाल) ने 9 सीटें जीती थीं. वहीं भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी को 4 सीटें हासिल हुई थीं. यूपी में बीजेपी का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा.

यूपी की जनता ने न सिर्फ अखिलेश के ‘काम बोलता है’ नारे को नकार दिया, बल्कि यूपी के ‘लड़कों’ अखिलेश-राहुल के ‘यूपी को यह साथ पसंद है’ के नारे को भी खारिज कर दिया था. कुल 403 सीटों में से 324 पर बीजेपी गठबंधन, 54 पर एसपी-कांग्रेस गठबंधन, 19 पर बीएसपी और 6 सीटें अन्य के खाते में गई थी.

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