UP में 12 जिलों का नाम बदलने की तैयारी में सरकार ?

लखनऊ, 19 अप्रैल: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में और जिलों और शहरों के नाम बदलने की संभावना है। राज्य सरकार ऐसे 12 जिलों और शहरों के नाम बदलने पर विचार कर रही है। इस संबंध में प्रस्ताव स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा पूर्व में भेजा जा चुका है। सरकार में बैठे बडे़ अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को लाया जा सकता है। कैबिनेट में पास होने के बाद जल्द ही इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पेश किया जा सकता है। दरअसल योगी सरकार जब से सत्ता में आई है तब से यूपी की सांस्कृतिक विरासत और पौराणिक महत्व को प्राथमिकता में शामिल किया गया है। इसी को देखते हुए काशी- मथुरा औ अयोध्या की ब्रांडिंग करने में सरकार जुटी है। उसी तरह उन जिलों का नाम बदलकर उनके पौराणिक महत्व और गौरव को दोबारा वापस लाने की तैयारी सरकार कर रही है।

सांसदों, विधायकों और जिला पंचायत वार्डों ने भेजे हैं प्रस्ताव
राज्य सरकार पहले अलीगढ़, फर्रुखाबाद, बदायूं, सुल्तानपुर, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर का नाम बदलने पर विचार कर सकती है, जबकि शेष पर बाद में विचार किया जाएगा। राज्य सरकार को इन जिलों के विधायकों, सांसदों और जिला पंचायत बोर्डों से प्रस्ताव मिले हैं. जिन शहरों का नाम बदला जा सकता है, उनमें देवबंद भी शामिल है, जिसके विधायक बृजेश कुमार ने इसे देवविंद के रूप में बदलने का सुझाव दिया है।

पिछली सरकार में बदला था अयोध्या और फैजाबाद का नाम
यूपी में अपने पहले कार्यकाल में योगी सरकार ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या और इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था। इसके अलावा, इसने केंद्र सरकार से मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय करने की सिफारिश की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार, अलीगढ़ की जिला पंचायत ने जिले का नाम हरिगढ़ या आर्यगढ़ करने का प्रस्ताव भेजा है।

कई जिलों का पौराणिक महत्व दोबारा लौटाने की कवायद
अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने की मांग सबसे पहले 2015 में विश्व हिंदू परिषद द्वारा उठाई गई थी। इसी तरह की मांग सुल्तानपुर जिले से भी कुशभवनपुर के रूप में करने की मांग की गई थी। सुल्तानपुर के पूर्व भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी इसके लिए आवाज उठाने वाले पहले व्यक्ति थे। गाजीपुर के पूर्व विधायक ने जिले का नाम गढ़ीपुरी करने की मांग की थी, जबकि सीएम योगी ने खुद चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि बदायूं जिले को वेदमऊ के नाम से जाना जाए क्योंकि यह वेदों की शिक्षा का स्थान है।

मई में होने वाले बजट सत्र से पहले सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
साथ ही सीएम योगी के पिछले कार्यकाल में भी फिरोजाबाद जिले का नाम बदलकर चंद्रनगर और शाहजहांपुर से शाजीपुर करने का प्रस्ताव इन जगहों के जनप्रतिनिधियों ने रखा था। पिछले साल अगस्त में, मैनपुरी जिले के जिला पंचायत बोर्ड ने राज्य सरकार से इसका नाम बदलकर मयंपुरी करने को कहा था। आगरा का नाम बदलकर अग्रवन करने की मांग दशकों पुरानी है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि किसी भी जिले का नाम बदलने के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव रखा जाना है, जिसकी मंजूरी के बाद इसे केंद्र को भेजा जाएगा। यूपी विधानसभा के आने वाले सत्र में कुछ ऐसे प्रस्ताव आ सकते हैं।

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