समाजसेवी संगठन गदाधारी सेना के सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने किया योग
वाराणसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हर वर्ष 21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस इस वर्ष अपनी 11वीं वर्षगांठ पर एक नई भव्यता और उत्साह के साथ मनाया गया। आध्यात्म और संस्कृति की नगरी वाराणसी में इस दिन की विशेष महत्ता रही, जहां पूरे शहर में विभिन्न स्थानों पर योग से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
सरकारी विभागों, शैक्षणिक संस्थानों, नगर निगम और सामाजिक संगठनों के साथ-साथ इस बार समाजवादी पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भी योग में भाग लेकर इसे एक सर्वदलीय सामाजिक उत्सव में परिवर्तित कर दिया।
काशी विश्वनाथ मंदिर में मंत्री सुरेश खन्ना की उपस्थिति
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना की उपस्थिति में भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंदिर परिसर में पहुंचे सैकड़ों साधकों और योग प्रेमियों ने सूर्य नमस्कार, प्राणायाम और विभिन्न योगासनों के माध्यम से अपने शरीर और मन को जाग्रत किया।
भारत माता मंदिर प्रांगण में गदाधारी सेना का ऐतिहासिक आयोजन
योग दिवस का एक विशेष आकर्षण रहा वाराणसी के ऐतिहासिक भारत माता मंदिर प्रांगण में आयोजित योग कार्यक्रम, जिसका नेतृत्व किया समाजसेवी संगठन गदाधारी सेना ने। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही प्रांगण में एकत्र होकर सामूहिक योग अभ्यास किया और भारत माता की जय के नारों से वातावरण को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया।
इस विशेष आयोजन में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े कई प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महेंद्र सिंह गौतम, भाजपा महानगर के पूर्व महामंत्री, विवेक मौर्य, वर्तमान महानगर मंत्री भूपेंद्र जी, विश्व हिंदू परिषद कार्यालय प्रमुख विजय दुबे, सह कार्यालय प्रमुख विनोद दुबे, महानगर संगठन मंत्री नरेंद्र जी, आरएसएस नगर प्रचारक धर्मेंद्र पांडे, भाजपा पूर्व मंडल महामंत्री, सुनील चौहान एवं संजीव गुप्ता, पूर्व महामंत्री सुरेश पासी, मंडल मंत्री धर्मवीर मौर्य व आनंद खुशबू, भाजपा कार्यकर्ता, मोनू प्रसाद गुप्ता क्षेत्रीय मंत्री,
इन सभी नेताओं की गरिमामयी उपस्थिति के अलावा सैकडो भाजपा के कार्यकर्ताओ ने कार्यक्रम को विशेष महत्व प्रदान किया। योग प्रशिक्षक शिव नारायण गुप्ता के मार्गदर्शन में प्रतिभागियों ने योगाभ्यास किया, जिसमें अनुलोम-विलोम, कपालभाति, ताड़ासन, वृक्षासन आदि प्रमुख आसन शामिल रहे।
योग का सामाजिक संदेश
इस अवसर पर वक्ताओं ने योग को केवल शारीरिक व्यायाम न मानकर इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, जो तन और मन दोनों को स्वस्थ रखने का प्रभावी माध्यम है।
निष्कर्ष
वाराणसी में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का यह आयोजन न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरा। भारत माता मंदिर प्रांगण की पवित्र भूमि पर गदाधारी कार्यकर्ताओं और विभिन्न संगठनों की भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि योग किसी दल या विचारधारा का नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का मार्ग है।
यह आयोजन योग के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है और आने वाले वर्षों में इसकी व्यापकता और भी अधिक देखने को मिल सकती है।