सीडीओ की अध्यक्षता आयोजित हुई जिला टीबी टास्क फोर्स की बैठक

प्राइवेट नोटिफिकेशन बढ़ाएं, डीबीटी शत-प्रतिशत पूरा करें – सीडीओ

सभी सक्रिय टीबी मरीजों को गोद लेना करें सुनिश्चित

सीनियर टीबी सुपरवाइज़र के कार्यों की नियमित करें निगरानी

टीबी यूनिट, टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी पर भी हुई चर्चा

वाराणसी: जनपद को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम और पीएम टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट टीबी फोरम की बैठक विकास भवन सभागार संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु नागपाल ने जनपद को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा की।
बैठक में सीडीओ ने टीबी संबंधी सभी सूचकांकों की समीक्षा की। जनपद के राजकीय चिकित्सालयों डीडीयू चिकित्सालय पाण्डेयपुर, एलबीएस चिकित्सालय रामनगर तथा सुन्दरलाल बीएचयू तथा सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी में देखे जा रहे मरीजों के पाँच प्रतिशत की बलगम जांच किये जाने पर चर्चा की गयी जिससे मरीज को चिन्हित कर उसका जल्द से जल्द से इलाज प्रारंभ किया जा सके और इसको नियंत्रण में लाया जा सके। हर 15 तारीख को मनाए जाने वाले एकीकृत निक्षय दिवस पर जानकारी ली । इसके साथ ही टीबी मरीजों के साथ परिवार के सभी सदस्यों के लिए टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। उन्होने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की पूरी नजर है।
सीडीओ ने कहा कि जनपद के सभी चिकित्सालय चाहे वह सरकारी हो अन्यथा निजी हों, वह सभी टीबी के मरीजों को शत-प्रतिशतता से नजदीकी बलगम जांच केंद्र रेफरल की व्यवस्था सुनिशिचित करें, जिससे उनका उनका इलाज संपूर्ण रूप से चलाया जा सके। उन्होंने निजी क्षेत्र में नोटिफिकेशन का बढ़ाने और डीबीटी का भुगतान शत-प्रतिशत करने के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही जनपद में सभी सक्रिय टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए हर विभाग और स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रेरित करे। उनको मिलने वाली पोषण पोटली हर माह नियमित प्रदान की जाए। सभी सीनियर टीबी सुपरवाइज़र (एसटीएस) भी टीबी मरीजों को गोद लें और उनके सभी कार्यों की नियमित निगरानी की जाए जो भी एसटीएस कार्य में लापरवाही कर रहा है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। जिन एसटीएस के क्षेत्र के टीबी मरीजों की बैंक अकाउंट डिटेल 50 प्रतिशत से अधिक लंबित है उनका वेतन रोकने के लिए निर्देशित किया।
बैठक में आंकड़ों पर भी चर्चा की गई जिसमें बताया कि वर्ष 2021 में आउटकम का परिणाम लक्ष्य के सापेक्ष 89 प्रतिशत रहा। वर्तमान में 6208 सक्रिय रोगी हैं जिसमें 4545 रोगियों ने गोद लेने के लिए उपचार, पोषण और भावनात्मक सहयोग सहमति दी है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से समस्त टीबी मुक्त भारत अभियान की कार्य प्रगति के बारे में अवगत कराया। साथ ही उन्होंने निजी क्षेत्र के समस्त चिकित्सालयों, प्रयोगशालाओं, चिकित्सकों एवं समस्त औषधि विक्रेताओं के यहां उपचार एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त करने वाले क्षय रोगियों को उनके नोटिफाई करने की सूचना प्रदान किये जाने पर चर्चा की। उन्होने बताया कि निक्षय पोषण मिशन के तहत चिन्हित टीबी के मरीजों को हर माह 500 रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी जाती है।
बैठक में उप जिला क्षय रोग अधिकारी, एमओ डीटीसी, चिकित्सालयों के टीबी प्रभारी, जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक, जिला टीबी एचआईवी समन्वयक, जिला एड्स नियंत्रण कार्यक्रम इकाई व एसटीएस ने प्रतिभाग किया।

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