साइबर पुलिस ने पूर्व विधायक रोहनिया के ड्राइवर को किया गिरफ्तार, धोखे से 30 लाख की हुई खरीददारी

वाराणसी के रोहनिया के पूर्व विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह द्वारा साइबर क्राइम पुलिस थाना ने 30 लाख रुपये के ऑनलाइन मार्केटिंग कर धोखाघड़ी के मामले में उनके ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है. जिनके कब्जे से 8 लाख के लगभग समान पुलिस ने बरामद किया है. पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार आगे की कार्यवाही में जुट गई.

वाराणसी के रोहनियां विधानसभा के पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह ने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया की उनका बैंक खाता- एसवीआई शाखा विधानसभा , लखनऊ में है. इसमें विधायक पद से संबन्धित सेलरी आता है. मेरे खाते से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मेरे जानकारी के बिना धोखे से वर्ष 2019 से 2021 के बीच लगभग 30 लाख रूपये का फ्लिपकार्ट व अमेजन के माध्यम से खरीददारी किया गया है.

पुलिस ने उक्त प्रार्थना की जांच व आवश्यक कार्यवाही हेतु पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी के. सत्यनारायण द्वारा निर्देशित किया गया था. उक्त प्रार्थना पत्र की जांच रिपोर्ट के आधार पर 04 अप्रैल 2022 को साइबर क्राइम थाना पर डी.आईटी एक्ट पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ की गयी. उपरोक्त प्रकरण में उच्चाधिकारीगण को भी अवगत कराया गया.

पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी के. सत्यनारायण द्वारा क्षेत्राधिकारी पिंडरा / नोडल अधिकारी साइबर क्राइम अभिषेक पाण्डेय के पर्यवेक्षण में टीम गठित कर साक्ष्य संकलन अनावरण एवं गिरफ्तारी हेतु निर्देशित किया गया था. जिसके अनुपालन में इलेक्ट्रानिक संसाधनों का प्रयोग करते हुए बैंक व अमेजन व फ्लिपकार्ट से लगाकर बातचीत व पत्राचार कर संकलित साक्ष्यों के अवलोकन व विश्लेषण के उपरान्त अभियुक्त विवेक कुमार पुत्र मेवालाल , ग्राम, गौरिया , सिखर , मिर्जापुर की संलिप्तता प्रमाणित हुई । जिस पर कार्यवाही करते हुए करसड़ा विद्युत उपकेन्द्र निर्माणाधीन मेडिकल कालेज के पास से अभियुक्त विवेक कुमार उपरोक्त को गिरफ्तार किया गया. विवेचनात्मक कार्यवाही पूरी कर उपरोक्त अभियुक्त का चालान. न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा है

विधायक पर विश्वास जीत कर लगाता था लाखों का चूना

विवेक कुमार पुत्र मेवालाल ने बताया कि मै 9 फरवरी 2018 से विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह पुत्र स्व . देवी प्रसाद सिंह के यहा ड्राईवर का कार्य करता हूं . मुझे 9000 रूपये मासिक तनख्वाह कैश के रूप में मिलता था मै विधायक जी का फॉर्च्यूनर चलाता था. विधायक तथा उनका परिवार मुझे अपने परिवार के सदस्य के तरह मानता था. विधायक जी का मोबाइल, एटीएम, दवा आदि सभी मैं ही देखता था. मैने योजना के तहत पहले विधायक जी एवं उनके पूरे परिवार का विश्वास जीता फिर विश्वासघात करके लाखों रूपये के सामान की खरीददारी आन लाइन किया । मैने अमेजन एप डाउनलोड करके विधायक जी एटीएम / डेबिट कार्ड का नंबर डालकर ओटीपी पाया तथा लागिन कर दिया । ओटीपी विधायक जी के मोबाइल पर आता था उसको मैं देख लिया करता था और पुरी कार्यवाही कर लेता था , जो भी सामान मंगवाता था उसको विधायक जी के एकाउंट से पेमेंट करके अपने घर सामान मंगा लेता था.

ब्रांडेड एवं महंगे सामानों के शौक ने पहुंचाया जेल

जिसमें मैने सैमसंग कंपनी की 138 सेमी टीवी 580000 रूपये का खरीदा हूं , लाखों रूपये के कपड़े , लगभग 50000 रूपये का एडीडास , नाइक , रेडचीफ कंपनी के जूते खरीदा हूं , लाखों रूपये के खाने पीने के सामान खरीदा था. मैं स्वयं चुनार थाने का चौकीदार हूं , ड्राइवर ने आगे बताया की सर विधायक जी खाते का प्रयोग कर मैन 02 सालों में लगभग 20 लाख रूपये का अमेजन व फ्लिपकार्ट के माध्यम डीजे के समस्त सामान ,घरेलु प्रयोग के सामान , मोबाइल फोन आदि मैने खदीददारी किया हूं.

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