- गंगा आरती के इतिहास में पहली बार पांच कन्याएं करेंगी आरती
- इस वर्ष काशी में गंगा आरती के शुरुआत करने वाले बाबू महाराज के तीसरी पीढ़ी की एक बेटी और एक बेटा महाआरती का करगें नेतृत्व
- काशी के विद्वानों के सहमति के लिया गया यह निर्णय
- 5 कन्याएं आरती के अलावा 21 बटुक और उनके साथ 42 रिद्धि सिद्धि की सहभागिता
- 108 किलो अष्ट धातु की मां गंगा की चल प्रतिमा का 108 किलो फूल से होगा महाश्रृंगार
वाराणसी । काशी के तमाम पहचानों में से एक महत्वपूर्ण पहचान बनी गंगा आरती इस वर्ष देव दीपावली में एक बार फिर इतिहास का सृजन करने जा रही है ।
गंगा के जिन नयनाभिराम आरती को देखने देश विदेश से सैलानी जुटते है उसी गंगा आरती को पहली बार 5 बेटियों के अगुवाई में और ऊंची उड़ान दी जा रही है । ज्ञात हो सन 1997 में पहली बार दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति के बैनर तले पं किशोरी रमन दुबे बाबू महाराज ने अकेले आरती की श्रीगणेश किया था ।
कालांतर में काशी के कई घाटों पर शैने शैने गंगा आरती का क्रम बढ़ता रहा ।
दिनांक 19 नबम्बर 2021 आश्विन पूर्णिमा (शुक्रवार) को सायंकाल पांच बजे गंगोत्री सेवा समिति, दशाश्वमेध घाट द्वारा देवदीपावली पर भव्य महाआरती का आयोजन किया जाएगा । इस वर्ष महा आरती के बड़े आकर्षण में पांच कन्याओं द्वारा आरती किया जाना है ।
काशी में गंगा आरती की शुरुआत करने वाली गंगोत्री सेवा समिति एक बार फिर महिला सशक्तिकरण और सम्मान के तहत बेटियों द्वारा गंगा आरती कराई जाएगी । इसी दिन पिछले एक महीने से ( कार्तिक पूर्णिमा ) चली आ रही पुलिस और पीएसी के उन वीर जवानों की याद में जो अपने कर्तव्य परायण का निर्वहन करते हुए आकस्मिक निधन को प्राप्त हुये, उन्हीं शहीद पुलिस / पी.ए.सी कर्मियों के वीर जवानों के आत्मिक शान्ति के निमित जल रहे आकाशदीप आयोजन का समापन भी किया जाएगा ।