विद्यार्थियों को सीमित व खुशहाल परिवार के बारे में किया जागरूक

पुरुष भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सोच को बदलना जरूरी

लिंग समानता, पितृ सत्तात्मक दृष्टिकोण व पुरुष नसबंदी से जुड़े मिथकों पर हुई चर्चा

स्वास्थ्य विभाग व सिफ़्सा के संयुक्त तत्वावधान में डीएवी पीजी कॉलेज में हुआ कार्यक्रम

वाराणसी: जनसंख्या स्थिरीकरण को सुदृढ़ करने और परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुष भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुधवार को कबीरचौरा स्थित डीएवी पीजी कॉलेज में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में स्टेट इनोवेशन ऑफ फॅमिली प्लानिंग एंड सर्विस एजेंसी (सिफ़्सा) के सहयोग से आयोजित हुआ । कार्यक्रम में कॉलेज के विद्यार्थियों को दाम्पत्य जीवन के लिए खुशहाल व सीमित परिवार के उद्देश्य से परिवार नियोजन के साधनों के बारें में शिक्षा दी गई । इसके साथ ही लिंग समानता, पितृ सत्तात्मक दृष्टिकोण और पुरुष नसबंदी को लेकर समुदाय में फैले मिथकों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की ।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ सत्यदेव सिंह ने उद्बोधन से किया । उन्होने विद्यार्थियों से कहा कि भविष्य में दाम्पत्य जीवन का सुख प्राप्त करने के लिए सीमित परिवार का होना बहुत जरूरी है । इसके लिए पहले से जन जागरूकता होनी चाहिए । जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य पुरुषों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता पैदा करना, व्यवहार परिवर्तन करना, मिथक एवं भ्रांतियों को दूर करना एवं महिलाओं के निर्णय में अपनी जिम्मेदारी और सहभागिता सुनिश्चित करना है जिससे उनकी सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। उन्होने कहा कि सतत विकास लक्ष्य को ध्यान में रखते हुये मातृ व शिशु मृत्यु दर व कुल प्रजनन दर (टीएफ़आर) में कमी लाने के लिए परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन यानी बास्केट ऑफ च्वाइस पर ज़ोर दिया जा रहा है।
इसके अलावा जनसंख्या नीति (2021-30) के उद्देश्य के बारे में विस्तार से चर्चा की । उन्होने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण का लक्ष्य प्राप्त करना, प्रिवेंटेबल मातृ मृत्यु और बीमारियों की समाप्ति, शून्य से पाँच वर्ष के बच्चों में प्रिवेंटेबल मृत्यु को समाप्त करना, किशोर-किशोरियों के लिए यौन व प्रजनन स्वास्थ्य और पोषण संबंधी सूचनाओं व सेवाओं में सुधार तथा वृद्धजन के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करना है । इस दौरान पीएसआई इंडिया की ओर से अखिलेश कुमार ने परिवार नियोजन के स्थाई साधन (महिला व पुरुष नसबंदी) तथा अस्थाई साधन (अंतरा, छाया, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, ईसीपी, कंडोम आदि) यानि बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि स्वस्थ व खुशहाल परिवार के लिए पुरुष भागीदारी बेहद जरूरी है।
अंत में चलचित्रों के माध्यम से पुरुष भागीदारी के बारे में जागरूक किया । विद्यार्थियों की ओर से पूछे गए विभिन्न सवालों जैसे कुल प्रजनन दर बहुत कम होने पर अर्थव्यवस्था पर असर, जनसंख्या नीति से होने वाले लाभ, पुरुष भागीदारी बढ़ाने के लिए कैसे जागरूक करें आदि के उचित जवाब भी दिये गए । कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ कल्पना सिंह ने किया । इस मौके पर डॉ अखिलेन्द्र कुमार सिंह, डॉ राजेश कुमार झा, डॉ शशिकांत यादव, डॉ बंदना बाल चंदनानी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थी मौजूद रहे ।

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