वाराणसी के कैंट थानाक्षेत्र के अर्दली बाजार में रहने वाले रिटायर्ड चकबंदी अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 38.15 लाख रुपए ठग लिए। अधिकारी को कंबोडिया जा रहे पार्सल के पकड़े जाने और मनी लांड्रिंग के मामले में जमानत और बैंक खाते में हुई गड़बड़ी सही करने के एवज में ठगों में ये पैसे ठग लिए।
पीड़ित रिटायर्ड चकबंदी अधिकारी सुधीर सिंह परमार ने साइबर क्राइम पुलिस थाने में लिखित तहरीर देते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।
कस्टम इंस्पेक्टर बनकर किया फोन
भुवनेश्वर नगर कालोनी में रहने वाले रिटायर्ड चकबंदी अधिकारी सुधीर सिंह परमार ने बताया कि 29 जुलाई को उनके मोबाइल पर फोन आया। काल करने वाले ने खुद को कस्टम ऑफिसर बताया। उसने कहा कि आप का एक पार्सल कंबोडिया जा रहा था जो पकड़ा गया गया है। उसके संबंध में दिल्ली के वसंत कुंज थाने में FIR दर्ज हुई है। इसके बाद फोन काल कट कर दी गई।
सुधीर ने बताया – उसके कुछ ही देर बाद एक वीडियो काल आयी जिसमें एक व्यक्ति सिपाही की वर्दी में था। उसने मुझे धमकाना शुरू किया और कहा कि आप का वीडियो रिकार्ड किया जा रहा है। जब तक इन्क्वायरी चलेगी आप को किसी से इस संबंध में कोई बता नहीं करनी है। न किसी को इस बारे में बताना है।
मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तार करने की बताई बात
वीडियो काल पर ही उन्हें पार्सल का हवाला देकर और एचडीएफसी बैंक अकाउंट और आधार का हवाला देकर मनी लांड्रिंग केस में CBI द्वारा गिरफ्तार करने की बात बताई गई। सुधीर ने बताया वो इससे डर गए। उसके बाद सिपाही ने इसके लिए जमानत करवाने की बात कही।
अग्रिम जमानत के लिए 7 लाख कराए आरटीजीएस रिटायर्ड चकबंदी अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट करते हुए जालसाजों ने अग्रिम जमानत और बैंक खाते में हुई गड़बड़ी सही करने के एवज में 7 लाख 60 हजार रुपए एक अकाउंट में आरटीजीएस करा लिए। इसके बाद 30 जुलाई को फिर फोन करके 16 लाख 55 हजार का आरटीजीएस करवाया।
खाते को फ्रीज करने के नाम पर लिए 14 लाख, 3 दिन में 38 लाख ठगे
सुधीर ने बताया- मुझे इस संबंध में किसी से बात करने से मना किया था। मै भी इज्जत के डर से इस बात का जिक्र घर में भी नहीं किया। 31 जुलाई को जालसाजों ने 14 लाख रुपए और आरटीजीएस कराए। इसके बाद मुझे शक हुआ तो मैंने पता किया बैंक पर तो ऐसा कुछ भी होने से इंकार किया गया कि खता फ्रीज हो जाएगा। जिसके बाद मैंने कंप्लेन की है।
बाइट चंद्रकांत मीणा (डीसीपी गोमती जोन)