वाराणसी में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है। नमो घाट की नमस्ते प्रतिमा आधी डूब चुकी है। गंगा आरती हो या दाह संस्कार, छतों पर हो रहा है। मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार के लिए लोगों को 4-5 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। हरिश्चंद्र घाट भी डूब गया है। गंगा किनारे के 500 से ज्यादा छोटे-बड़े मंदिर जलमग्न हैं। क्रूज-नावें चलना बंद हैं।
गंगा में हर घंटे 9.99 मिमी पानी बढ़ता जा रहा है। अगर पानी की यही रफ्तार रही, तो लंका के रास्ते बस्तियों में घुस जाएगा। 9 अगस्त रात 8 बजे तक जलस्तर 69.12 मीटर तक था। बाढ़ चौकियां अलर्ट पर हैं।
मणिकर्णिका घाट जलमग्न हो चुका है शवदाह क्षमता पूर्व के क्षमता के अनुसार 5 गुना घटी है:बारिश में भी खुली छत पर अंतिम संस्कार हो रहे हैं; डोम समाज बोला- इन तमाम समस्याओं की वजह से लोग दूसरे घाटों पर जा रहे हैं वाराणसी के मणिकर्णिका घाट की खुली छत पर लाशें जलाईं जा रहीं हैं। यहां नीचे घाट पूरी तरह गंगा में समा गया है। मणिकर्णिका घाट की खुली छत पर कई बार बारिश के बीच शवदाह ठीक से नहीं हो पाता।