लता मंगेशकर के निधन से देश में शोक की लहर: PM मोदी बोले- दीदी, हमारे देश में खालीपन छोड़ गईं

मुंबई, 06 फरवरी: मशहूर गायिका ‘मेलोडी की रानी’ और ‘भारत की कोकिला’ लता मंगेशकर का रविवार सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर मुंबई में निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थीं। भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। हर कोई सोशल मीडिया पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजली दे रहा है। लता मंगेशकर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। लता मंगेशकर के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ” ‘दयालु और देखभाल करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गई हैं। वह हमारे देश में एक खालीपन छोड़ गई है जिसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद करेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी।”

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ”लता जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक है, जैसा कि दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में, भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करते हुए, पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई है। भारत रत्न, लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।”

लता मंगेशकर के निधन से उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी बेहद दुखी हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत ने लता जी के निधन में अपनी आवाज खो दी है, जिन्होंने कई दशकों तक अपनी मधुर और उदात्त आवाज से भारत और दुनिया भर में संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।”

शिवसेना सांसद संजय राउत सोशल मीडिया पर सबसे पहले इस खबर को साझा करने वालों में से थे। ट्विटर सांसद संजय राउत ने लिखा था, “युग समाप्त हो गया।”

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, “लता दीदी की आवाज के स्पर्श से अमर गीतों के माध्यम से यह आवाज हमारे मन में अनंत काल तक गूंजती रहेगी।”

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ”लता मंगेशकर का निधन देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनका संगीत कई पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। मैं प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले।”

नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा, ”देश की शान और संगीत जगत की शिरमोर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन बहुत ही दुखद है। पुण्यात्मा को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी।”

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