वाराणसी के मुस्लिम इलाकों में इमाम जाफर के कुंडे की फातेहा की धूम है। शिया मुसलमानों के 6ठे इमाम; इमाम जाफर ए सादिक की फातिहा सुबह फज्र की नमाज के बाद की गई। जिसके बाद अकीदतमंद घरों में फातिहा को चखने के लिए पहुंच रहे हैं।
इस संबंध में हाजी फरमान हैदर ने बताया कि इमाम सादिक ने रोजी-रोटी में बरकत के लिए इस नजर (फातिहा) के बारे में कौम को पैगाम दिया था। तभी से यह फातिहा किया जाता है। इस्लामिक कैलेन्डर के रजब माह की 22 तारीख को 1444 हिजरी से इसकी शुरुआत हुई थी।
बनारस के मुस्लिम बहुल इलाकों मदनपुरा, नई सड़क, दाल मंडी, भेलूपुर, गौरीगंज, शिवाला, रामनगर, अर्दली बाजार, प्रहलाद घाट, नक्की घाट, लल्लापुरा, दरगाह फातमान, काली महल, रामनगर लाट सरैया में सुबह से शाम तक कुंडे का आयोजन चल रहा है।
देश और दुनिया की सलामती की हुई दुआ
इस संबंध में हाजी फरमान हैदर ने बताया- कुंकूंडे का पर्व हर वर्ष 22 रजब को 6ठवें इमाम हजरत इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम की नजर-फातिहा के साथ मनाया जाता है। इसमें घरों में खीर-पूड़ी के अलावा मीठी टिकिया और कई तरीके के पकवान बनाए जाते हैं। इस फातिहा में रोजी-रोटी में बरकत के लिए रब की रहमत के लिए देश और दुनिया में सलामती के लिए इस फातिहा का आयोजन किया गया।
देर रात तक जारी रहेगा सिलसिला
हाजी फरमान हैदर ने बताया- नजर सुबह फज्र (सुबह) की नमाज के बाद हुई। इसके साथ ही अकीदतमंद घरों में नजर चखने के लिए पहुंचने लगे। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहेगा।