लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में किसान संगठनों की अगुवाई करने वाला संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) भी आ गया है। मोर्चे ने घोषणा की है कि वह देश के सबसे बड़े राज्य के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ “मिशन उत्तर प्रदेश” शुरू करेगा, और यह मिशन 3 फरवरी से शुरू हो जाएगा। किसान संगठन पिछले काफी समय से भाजपा सरकार को चेतावनी दे रहे थे कि, अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे “भाजपा को वोट नहीं” अभियान शुरू करने के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड आएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) अब अपने “मिशन उत्तर प्रदेश” के तहत केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी की मांग उठाएगा। वहीं, उनकी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि समन्वय समिति की बैठक में इस पर अधिकारिक रूप से निर्णय लिया जा चुका है। किसान नेता और भारतीय किसान संघ के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि, वे राजनीति तो नहीं करेंगे। मगर, जैसा कि केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने के हिस्से के रूप में घोषित समझौते के कुछ महत्वपूर्ण तत्वों को पूरा नहीं किया है, तो हम अपनी मांगों को इन चुनावों में उठाने जा रह हैं। विशेषकर, मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी उन मांगों में से एक है।
राकेश टिकैत ने कहा, ‘मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की हमारी मांग उनकी बर्खास्तगी के साथ ही खत्म होगी। उन्होंने बताया कि, हमारे मिशन उत्तर प्रदेश के पहले चरण में, संयुक्त मोर्चा 3 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। उसके बाद, किसान संगठन ‘नुक्कड़ सभा’ आयोजित करेंगे और सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ अभियान शुरू करेंगे। टिकैत की ओर से आगे कहा गया कि 31 जनवरी को एसकेएम के नेता देश भर की सभी तहसीलों और जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को पूरा करने की मांग करेंगे।
किसान नेताओं का कहना है कि केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मुद्दे के समाधान के लिए कोई समिति नहीं बनाई है। उन्होंने यह भी कहा कि साल भर के किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वालों के खिलाफ अभी भी मामले वापस नहीं लिए गए हैं और ‘टेनी’ को भी बर्खास्त या गिरफ्तार नहीं किया गया है। किसान संघों ने पहले चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जाकर ‘भाजपा को वोट नहीं’ अभियान शुरू करेंगे।