वाराणसी| प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में शिक्षा अधिकार अधिनियम की धारा- 12 (1) (ग) के तहत 25 प्रतिशत बच्चों निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा के लिए प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में अभिभावकों का धरना निम्न बिन्दुओं पर दिया गया|
- वाराणसी जिले के लगभग 1900 विद्यालयों में सिर्फ 1200 विद्यालय ही पोर्टल पर पंजीकृत है, अभी 700 विद्यालय कई वर्षों से इस कानून से बाहर है, सारे नामचीन बड़े विद्यालय पोर्टल पर पंजीकृत नही हो रहे है।
- प्रथम चरण की लाटरी में निकले 6152 बच्चों का विद्यालयों के द्वारा प्रवेश नही लिया जा रहा न ही बी0एस0ए0 कार्यालय के द्वारा इन निजी विद्यालयों पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही हो रही है।
- अल्पसंख्यक वाले बड़े विद्यालयों की जाँच हो।
- निजी विद्यालयों की सीटो की संख्या बहुत कम कर दी गयी है।
- अभिभावकों का बी0एस0ए0 कार्यालय पर शिकायती प्रार्थना पत्रों पर कोई कार्यवाही नही हो रही है, बल्कि उनके साथ अभद्र व्यवहार होता है।
- रांग वार्ड के तहत हजारों फार्मों का बिना ठोस वजह के निरस्त किया जा रहा है, जबकि रांग वार्ड पर फार्म निरस्त करने का कोई स्पष्ट आदेश नही है।
- बालकों एवं विद्यालयों की शुल्क पूर्ति का भुगतान है।
धरना देने में मुख्य रूप से लोग शामिल थे। गौतम सिंह एडवोकेट, विनय सिंह, बल्लभ पाण्डेय, दीपक वर्मा, गुफान जावेद, रौनक जायसवाल इत्यादि अनेक अभिभावक।