वाराणसी, रामनगर। काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह की जयंती को संस्कृत दिवस समारोह के रूप में 5 नवंबर को रामनगर किला परिसर में स्थित विश्व संस्कृत प्रतिष्ठानम् के प्रधान कार्यालय में आयोजन किया गया।
जयंती समारोह का शुभारंभ पूर्व काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह की तीनों पुत्रियों सहित राजपरिवार के सदस्यों ने डॉ. विभूति नारायण सिंह जी के चित्र पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से किया। समारोह में राजपरिवार से काशी नरेश की तीनों सुपुत्रियां राजकुमारी विष्णुप्रिया, राजकुमारी हरिप्रिया व राजकुमारी कृष्णप्रिया सहित नतिनी कुंवरी वरदा वसुप्रिया, नाती कुंवर वरद नारायण सिंह, कुंवर वल्लभ नारायण सिंह, कुंवर ईशान, श्रीमन माधव नारायण सिंह एवं अम्बु पद्मनाभ नारायण सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता म.कु. विष्णु प्रिया ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व की जानकारी देते हुए कहा कि महाराज सदैव कहते थे पहली संतान हमारी काशी की जनता है। आज महाराज डॉ. विभूति नारायण सिंह हमारे बीच भले ही सशरीर ना हो किंतु अनेकों विचारधारा काशी को गौरवान्वित कर रही है।
राजकुमारी कृष्णप्रिया ने कहा कि ने कहा कि संस्कृति जीवन जीने की शैली की विधा है। उन्होंने कहा कि हमारे पिताश्री ने विश्व संस्कृत प्रतिष्ठानम् की स्थापना कर विश्व में संस्कृत को स्थापित किया है हम सब मिलकर उसको जन जन तक पहुंचाने में प्रयासरत हैं। कुंवरी वरदा वसुप्रिया ने कहा कि हम सभी महाराज के आदर्शों पर चले, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
वे राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक थे। समारोह का आयोजन विश्व संस्कृत प्रतिष्ठानम् एवं विश्व शांति महासंघ के संयुक्त तत्वाधान में हुआ। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक स्वच्छता संसद के अध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा नेता मनोज गुप्ता ने कहा कि महाराज डॉ. विभूति नारायण सिंह साक्षात् शिव के अवतार थे। धर्म, अध्यात्म, संस्कृति के पोषक व संरक्षक की भूमिका में उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन न्योछावर किया। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य नीरज कुमार पाण्डेय के मंत्रोचार व शंखनाद से हुआ।
इस अवसर पर राष्ट्रवादी चिंतक मंच के संस्थापक व आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता राम कुमार गुप्ता ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाराज डॉ. विभूति नारायण सिंह जी की जयंती को संस्कृति दिवस के रूप में मनाए जाने पर सांस्कृतिक नगरी काशी के लिए गौरव की बात है। कार्यक्रम में पंकज अग्रवाल अध्यक्ष काशी अग्रवाल महासभा, डॉ. रत्नाकर पाण्डेय, श्याम नारायण पांडेय, पूर्व मंडलाध्यक्ष रो. दीपक अग्रवाल, नवल खेमका, अनिल केसरी अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
अतिथियों का स्वागत विश्व संस्कृत प्रतिष्ठानम् के मानद सचिव नागेन्द्र कुमार बाजपेयी ने करते हुए कहा कि डॉ. विभूति नारायण सिंह का काशी की जनता के प्रति आगाध प्रेम काशी की जनता का उनके प्रति हृदय से सम्मान शुरू से काशी की परंपरा है। राजपरिवार के सदस्य की उपस्थिति देख काशी की जनता का उद्घोष हर हर महादेव ही काशी की पहचान है काशी के गौरव ऐसे शिव स्वरूप महाराज विभूति नारायण सिंह जी को कोटि-कोटि नमन। धन्यवाद ज्ञापन कुंवरी वरदा वसुप्रिया ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ किया।