वाराणसी| दूध के उत्पादन को बढ़ाने के सपने को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश में गिर परियोजना शुरू की गई है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत लाई गई गिर गायों का उपयोग आईवीएफ और सेक्स-सॉर्टेड सीमेन जैसी उन्नत तकनीकों के जरिए उत्पादकता और स्थायी तरीके से दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
भारत सरकार के पशुपालन और डेरी विभाग ने अगले पांच वर्षों के लिए वाराणसी में गिर परियोजना को लागू करने की योजना बनाई है, जिसके लिए 36.5 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
इस परियोजना के प्रमुख तत्व हैं:
- 450 गिर गायों को लाना – इसके तहत पहले ही सौराष्ट्र गुजरात की गिर गायों के प्रजनन पथ (ब्रीडिंग ट्रैक्ट) से गायों को लाया जा चूका है। इन्हें जल्द ही लाभार्थी किसानों को वाराणसी जिले के सभी 8 ब्लॉक में वितरित किया जाएगा।
- उच्च आनुवंशिक योग्यता वाली गायों और सर्वश्रेष्ठ बैलों के वीर्य का उपयोग करके तैयार किए गए आईवीएफ भ्रूण से 5000 गर्भधारण करवाना। इस परियोजना के तहत हर साल 1000 गर्भधारण करवाए जाएंगे। ये राष्ट्रीय गोकुल मिशन के त्वरित नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत पशुपालन विभाग द्वारा तय किए गए गायों की नस्ल को सुधारने के प्रयासों में तेजी लाने में मदद करेंगे।
- सेक्स-सॉर्टेड सीमेन का उपयोग करके हर साल 40000 गर्भधारण करवाने की योजना भी बनाई गई है – इस प्रकार अगले पांच वर्षों में कुल 2 लाख गर्भधारण करवाए जाएंगे। सेक्स-सॉर्टेड सीमेन का उपयोग 90% मादा बछड़ों के पैदा होने की गारंटी देता है। इससे आगे भी मिशन के लिए अधिक मादा पशु उपलब्ध करवाए जा सकेंगे।
- इनके अलावा, वाराणसी जिले में एआई के कवरेज को बढ़ाने के लिए, वाराणसी में सभी किसानों को एआई सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए 100 एआई टेक्निशंस का एआई नेटवर्क भी बनाया जा रहा है। इससे जिले में एआई कवरेज को बढ़ाने में मदद मिलेगा।