टैगहाइव (TagHive) ने पीएम स्कूलों के दृष्टिकोण के अनुरूप लर्निंग के लिए वाराणसी के पब्लिक स्कूलों के उच्च प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों और विद्यार्थीयों को सम्मानित किया

  • इस कार्यक्रम में भारत के लिए कोरिया रिपब्लिक के एंबेसेडर, चांग जे-बोक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जिन्होंने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए
  • इस कार्यक्रम में वाराणसी के चिरईगांव, चोलापुर, हरहुआ और काशी विद्यापीठ ब्लॉक्स के विभिन्न सरकारी स्कूलों की 200 कक्षाओं में क्लास साथी डिजिटल लर्निंग सॉल्यूशन के पूरा होने का भी जश्न मनाया

वाराणसी: कक्षा में और घर पर स्टूडेंट असेसमेंट के लिए ‘क्लास साथी’ सॉल्यूशन की शुरुआत करने वाली सैमसंग समर्थित एड-टेक फर्म, टैगहाइव (TagHive) ने हाल ही में अपने वाराणसी प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसके तहत टेक सॉल्यूशन के उत्कृष्ट उपयोग के लिए 18 शिक्षकों और 18 विद्यार्थीयों को सम्मानित करने हेतु विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य वाराणसी के चिरईगांव, चोलापुर, हरहुआ और काशी विद्यापीठ ब्लॉक्स के विभिन्न सरकारी स्कूलों की 200 कक्षाओं में क्लास साथी डिजिटल लर्निंग सॉल्यूशन की पेशकश करना था। रमादा प्लाज़ा, वाराणसी छावनी क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में मान्यवर चांग जे-बोक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जो भारत के लिए कोरिया रिपब्लिक के एंबेसेडर हैं। टैगहाइव के फाउंडर और सीईओ पंकज अग्रवाल के साथ मिलकर एंबेसेडर ने शिक्षकों और विद्यार्थीयों को पुरस्कार प्रदान किए और इसके बाद “एंडलाइन इंपैक्ट रिपोर्ट” भी लॉन्च की। इस कार्यक्रम में विनोद यादव, फाउंडर और सीईओ, प्रोग्रेसिव फाउंडेशन, भी उपस्थित रहे, जो वाराणसी स्कूल प्रोजेक्ट के इम्प्लीमेंटेशन पार्टनर हैं।
टैगहाइव की स्थापना सैमसंग सी-लैब के एक प्रोडक्ट के रूप में वर्ष 2017 में की गई थी। इसने कोईका (KOICA), प्रोग्रेसिव फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन और डिपार्टमेंट ऑफ बेसिक एजुकेशन के सहयोग से वाराणसी जिले के सरकारी स्कूलों की 200 कक्षाओं में क्लिकर-आधारित क्लासरूम रेस्पॉन्स सिस्टम और एक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित सेल्फ-असेसमेंट सॉल्यूशन ‘क्लास साथी’ की शुरुआत की। क्लास साथी, इंटरनेट या बिजली के बिना भी सुचारु रूप से काम करता है। इसके कार्यान्वयन के बाद से, क्लास साथी सॉल्यूशन अपनी तकनीक के माध्यम से विद्यार्थीयों के लर्निंग एक्सपीरियंस को बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है, जिससे भारत सरकार और पीएम मोदी के डिजिटल लर्निंग के दृष्टिकोण को गति मिली है।
वाराणसी और यूपी के लिए इस प्रोजेक्ट और भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए, पंकज अग्रवाल, फाउंडर और सीईओ, टैगहाइव, ने कहा, “हमें फोर्ड फाउंडेशन, कोईका (KOICA) और प्रोग्रेसिव फाउंडेशन द्वारा समर्थित 200-क्लासरूम पायलट प्रोजेक्ट से मिली प्रतिक्रिया से खुद को बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। भारत में एडटेक सेक्टर में वृद्धि और सैमसंग समर्थित फर्म- टैगहाइव द्वारा इनोवेशंस के बारे में बात करते हुए, भारत के लिए कोरिया के रिपब्लिक एंबेसेडर, मान्यवर चांग जे-बोक ने कहा, “हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि एनईपी जैसी सरकारी नीतियों के साथ डिजिटल लर्निंग और तकनीक आधारित सॉल्यूशंस को बढ़ावा मिल रहा है, ऐसे में एडटेक सेक्टर में वृद्धि की भी जबरदस्त संभावना है।
कार्यक्रम का समापन पुरस्कार समारोह के साथ हुआ, जहाँ भारत के लिए कोरिया रिपब्लिक के एंबेसेडर, मान्यवर चांग जे-बोक और पंकज अग्रवाल ने शिक्षकों और विद्यार्थीयों को सम्मानित किया और उनके साथ बातचीत की।

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