‘जो नाम बदलेगा, चुनावों में जनता उनकी सरकार बदल देगी’, सहारनपुर में अखिलेश यादव ने कहा

सहारनपुर, 10 अक्टूबर: सपा अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सहारनपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों को जीप के टायरों से कुचला गया। इसके साथ-साथ कानून को भी कुचले की तैयारी थी। जो लोग किसान को कुचल सकते है, कानून को कुचल सकते है। उन्हें संविधान को कुचलने में देर नहीं लगेगी।

स्वर्गीय चौधरी यशपाल सिंह की 100वीं जयंती पर अखिलेश यादव सहारनपुर पहुंचे। यहां आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 100 नंबर गाड़ी बनाई थी पुलिस के लिए। हमारे बाबा मुख्यमंत्री नाम बदल देते है 100 का 112 कर देते है। अखिलेश यादव ने पूछा बताओं 100 से 112 में कौन सी पुलिस बदल गई। नाम बदलने में हमारे मुख्यमंत्री का कोई मुकाबला नहीं है। ये नाम बदलने वाले, रंग बदलने वाले लोग, धोखा देने वाले लोग, इतिहास बदलने का नाम करते है।

अखिलेश यादव ने कहा कि नाम बदलकर इतिहास मिटाना चाहते थे। इन्हें बता दो कि यह धरती वीरों की धरती है, 1857 में अंग्रेजों का हिलाने का काम किया था। जो नाम बदलेगा, चुनाव आएगा उनकी सरकार बदल देगा। अखिलेश ने कहा कि यह चुनाव का समय है। पिछले बार 4 जनवरी को तारीख आ गई थी चुनाव की। आज हम और आप लोगो अक्टूबर में मिल रहे है। आप अभी त्योहार मनाई। त्योहारों के बाद योगी सरकार के दिन खत्म होने वाले हैं।

अखिलेश यादव ने कहा किसानों ने भी ठान लिया है कि जब तक बैठे रहेंगे। जब तक यह तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे। अखिलेश यागव ने कहा कि यही हमारे लोकतंत्र की ताकत है कि हम लड़ना भी जानते है। गद्दी पर बैठाना भी जानते है और जब मौका मिलेगा तो गद्दी से हटाना भी यह जनता जानती है। जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी ने वादा किया था कि आय दुगनी हो जाएगी। किसान जो पैदावार करेंगे उसकी आय दुगनी होगी। अखिलेश यादव ने पूछा कि हिसाब किताब में किसकी आय दुगनी हुई।

अखिलेश यादव ने कहा कि गन्ना किसानों को मिलों के ऊपर बकाया है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते है कि किसानों को हमने करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया। कहते है कि गन्ना ना बोया करे..डायबिटीज हो जाती है उससे। अखिलेश यादव ने कहा कि अभी भी चार हजार करोड़ रुपए से ज्यादा गन्ना किसानों का बकाया है। गन्ने का भुगतान नहीं, धान की कीमत नहीं।

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