वाराणसी। संकष्टी गणेश चतुर्थी पर शिव की नगरी काशी में प्रथम पूज्य गणेश के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बप्पा के दरबार में जय गणेश के जयकारे के साथ हर-हर महादेव का जयघोष भी गूंजता रहा। लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर में भोर की आरती के बाद से ही भक्तों की कतार लग गई।
मंगला आरती के बाद बड़ा गणेश मंदिर में दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया। दर्शन-पूजन के साथ ही महिलाओं ने व्रत का संकल्प लिया और बच्चों के दीर्घायु की कामना की। लोहटिया बड़ा गणेश मंदिर से कबीरचौरा और मैदागिन तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। बिना मास्क लगाए श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। पुलिस प्रशासन भी मुस्तैद है, कबीरचौरा से मैदागिन जाने वाले मार्ग पर वाहनों का जाना प्रतिबंधित है।
श्रद्धालुओं ने बड़ा गणेश को दूर्वा की माला, मोदक अर्पित कर परिवार के सभी संकटों को हरने की कामना की। वहीं शहर के अन्य प्रमुख गणेश मंदिरों में भी बप्पा के दर्शन-पूजन का सिलसिला देर रात तक चलता रहेगा।
माताएं भगवान गणेश को काला तिल-गुड़ का लड्डू, ऋतु फल आदि भी अर्पित कर सविधि षोडशोपचार-पंचोपचार पूजन और चंद्र अघ्र्य के बाद व्रत का पारन करेंगी। माना जाता है इस व्रत से संतति समेत परिवारीजन का जीवन मंगलमय और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
सनातन संस्कृति में माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की विशेष आराधना की जाती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, चतुर्थी तिथि 21 जनवरी को सुबह 7.26 बजे से लेकर 22 जनवरी शनिवार की सुबह 7.24 बजे तक रहेगी। वहीं, चंद्रोदय रात 8.39 बजे होगा।