इश्क का बुखार जब परवान चढ़ता है तो प्रेमीयुगल सामाजिक बंधनों को ताक पर रख देते हैं। परिजन व समाज उन्हें दुश्मन नजर आता हैं। इश्क में सब कुछ गवां देने के बाद जब धोखा मिलता हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती हैं। इश्क में धोखा खाने के बाद बिन ब्याही मां बनी युवती रविवार को गोद में मासूम बच्चे को लेकर मिर्जामुराद थाने पर पहुंची। महिला हेल्प डेस्क पर घटना की आपबीती सुना गुहार लगाई। आरोप रहा कि रास्ते से आते-जाते समय जेल में बंद प्रेमी युवक के घरवाले फब्तियां कस तरह-तरह की बात बोलते हैं।महिला सिपाही ने कारवाई का आश्वासन देकर उसे घर भेजा।
बताते चले कि मिर्जामुराद थानांतर्गत खजुरी पुलिस चौकी अंतर्गत पड़ने वाले वाराणसी-मिर्जापुर सीमा पर स्थित एक गांव निवासिनी 21 वर्षीया अनपढ़ युवती को उसके ही पड़ोस में रहने वाला अंतरजातीय युवक अपने प्रेम जाल में फंसा लिया।इसके बाद शादी का झांसा देकर युवक कई माह तक युवती का शारीरिक शोषण करता रहा।युवती गर्भवती हो गई।युवती जब शादी की बात करती तो युवक टाल-मटोल करने लगता।
अंततः 6 मई वर्ष 20 में युवती के पिता ने थाने पहुंच युवक के खिलाफ दुराचार व एससी/एसटी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।मुकदमा दर्ज होने के बाद 18 जून को आरोपी युवक ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया।युवक को जेल भेज दिया गया।युवक के जेल जाने के बाद गर्भवती युवती मासूम की मां बन गई। उधर, युवक ने हाईकोर्ट में अपील कर दिया कि उसे गलत फंसाया गया हैं।
युवती के गर्भ से हुआ बच्चा उसका नहीं हैं। इसकी सच्चाई जानने के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाना जरूरी है। पीड़िता ने भी अपने बयान में परीक्षण पर सहमति दे दी थी।जनवरी वर्ष 21 में डीएनए टेस्ट हुआ।जिसमें बच्चे का पिता आरोपित युवक ही निकला था। आरोपित जेल में बंद हैं।