आज से बिहार में शराबबंदी का नया कानून

पटना। हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य में शराबबंदी को लेकर जारी असमंजस को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पूरी तरह खत्म कर दिया। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि शराबबंदी का नया कानून रविवार को लागू हो जाएगा। महात्मा गांधी के विचारों को जमीन पर उतारने के लिए इससे उपयुक्त दिन दूसरा कोई नहीं हो सकता है। दोपहर 1 बजे कैबिनेट की बैठक के बाद अधिसूचना जारी हो जाएगी। इसके साथ ही नया शराबबंदी कानून प्रभावी हो जाएगा। जानिए क्या है विशेषज्ञों की राय…

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी निर्दोष को सजा ना मिले, उसके लिए भी सबकुछ करेंगे। शराब मामले में लोगों को गलत ढंग से फंसाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
  • मुख्यमंत्री महाराजा अग्रसेन जयंती महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। 0उन्होंने राज्य की महिलाओं से शराबबंदी के पक्ष में और अधिक मुखर होने की अपील की।
  • कहा-शराबबंदी का व्यापक प्रभाव हुआ है। इसका असर देखना है तो गांवों में जाइए। यह बात अलग है कि कुछ लोगों को बिहार से शुरू हुई यह सामाजिक क्रांति नहीं दिख रही है।

नया कानून महात्मा गांधी को समर्पित

सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि महात्मा गांधी ने शराब के कारोबार के खिलाफ कितना कुछ कहा। मुझे भी हमेशा ही यह अनैतिक धन लगा। गलत पैसे से किसी का भला नहीं हो सकता है।

शराब का कारोबार अनैतिक : सीएम

सरकार को शराबबंदी से पांच हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है, ऐसा दुष्प्रचार किया जा रहा है। शराब का कारोबार अनैतिक है। हरेक धर्म और महापुरुषों ने इसे अनैतिक बताया है। सबसे बड़ी बात है कि सरकार को पांच हजार करोड़ रुपए मिल रहे हों लेकिन आम आदमी के तो दस हजार करोड़ रुपए बर्बाद हो रहे थे। शराबबंदी के बाद वह रुपया दूसरे सकारात्मक कार्यों में खर्च हो रहा है। इससे राज्य में व्यवसाय बढ़ेगा। सरकार को अधिक रकम टैक्स के रूप में हासिल होगी।

विशेषज्ञों की राय : नया कानून लाने पर कोई रोक नहीं

कानूनी विशेषज्ञों ने सरकार को राय दी है कि हाईकोर्ट का पुराने अधिनियम पर फैसला आया है। नया कानून इस फैसला के परिधि में नहीं आता। इसे लागू करने में वैधानिक अड़चन नहीं है। इसी राय के आलोक में नया उत्पाद अधिनियम के लिए रविवार को अधिसूचना जारी कर उसे राजकीय गजट में प्रकाशित कर दिया जायेगा।

पुराने व नए शराबबंदी विधेयक में अंतर

बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक-2016

  • बिहार एवं उड़ीसा अधिनियम 1915 को ही संशोधित किया गया था।
  • इसमें प्रताड़ित करने वाले पुलिस व उत्पाद अफसरों के लिए 3 माह सजा का प्रावधान था।
  • शराब से जुड़े अपराध जमानती थे।
  • घर में शराब मिलने पर सभी सदस्यों पर कार्रवाई का प्रावधान नहीं है।
  • उत्पाद विभाग के एएसआई को पुलिसिंग का अिधकार नहीं।
  • बिहार उत्पाद (संशोधन)बिल में स्पेशल कोर्ट का प्रावधान नहीं है।

बिहार मद्यनिषेध व उत्पाद विधेयक-2016

  • यह बिल्कुल नया शराबबंदी कानून है। राज्यपाल की भी मिल चुकी है मंजूरी।
  • इसमें ऐसे मामलों में सजा को बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया है।
  • सभी अपराध को गैरजमानती किया गया।
  • किसी घर में शराब मिली तो घर के 18 से अधिक उम्र के सभी सदस्यों को सजा।
  • एएसआई को पुलिसिंग का अधिकार दिया गया है।
  • विशेष न्यायालय के गठन का प्रावधान किया गया है।

विशेषज्ञों की राय : नया कानून लाने पर कोई रोक नहीं

कानूनी विशेषज्ञों ने सरकार को राय दी है कि हाईकोर्ट का पुराने अधिनियम पर फैसला आया है। नया कानून इस फैसला के परिधि में नहीं आता। इसे लागू करने में वैधानिक अड़चन नहीं है। इसी राय के आलोक में नया उत्पाद अधिनियम के लिए रविवार को अधिसूचना जारी कर उसे राजकीय गजट में प्रकाशित कर दिया जायेगा।

सरकार की नीति : नए कानून को रद्द किया तो करेगी अपील

बड़ा सवाल है कि हाईकोर्ट ने पुराने अधिनियम के जिस प्रावधान को असंवैधानिक माना है ,उसे नये अधिनियम में भी होने पर उसकी वैधानिकता को चुनौती नहीं दी जाएगी? सरकार इस परिस्थिति का इंतजार करेगी और पुराने अधिनियम की तरह नये अधिनियम के विरुद्ध कोर्ट का फैसला आने पर उसे चुनौती देगी।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *