वाराणसी। अन्याय प्रतिकार यात्रा के दौरान हुए बवाल के मामले में फरार घोषित नवसंघ अध्यक्ष आसित कुमार दास, अमर बोस व पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय को प्रभारी विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत से सोमवार को अंतरिम जमानत मिल गई। इसके पूर्व तीनों आरोपितों ने कोर्ट में सरेंडर किया था। जिसके बाद अदालत ने उन्हें 20-20 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश देते हुए नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तिथि नियत कर दी। इस मामले में इसके पूर्व शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, महंत संतोष दास व महंत बालक दास को जमानत मिल चुकी है। अदालत में आरोपितों की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, मनीष राय व सौरभ यादव ने पक्ष रखा।
गौरतलब है कि गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन पर अड़े लोगों पर लाठीचार्ज किया गया था। इसके खिलाफ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 5 अक्टूबर 2015 को मैदागिन के टाउनहाल से गोदौलिया तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आगे भी एक जत्था चल रहा था। जिसमें शामिल कुछ उपद्रवियों ने पहले पुलिस बूथ फिर एक सरकारी जीप में आग लगा दी। इस आग ने समीप में स्थित तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया था। इसमें एक मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड गाड़ी व पुलिस की वैन और लगभग 24 बाइक आग के हवाले कर दी गईं थी। इस दौरान पथराव भी हुए थे। जिनमें तत्कालीन एडीएम, सिगरा थानाध्यक्ष, पीएसी का एक जवान और एक न्यूज चैनल का फोटोग्राफर बुरी तरह घायल हो गया। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पहले लाठियां पटकीं। इसके बाद आंसू गैस और रबड़ बुलेट का इस्तेमाल किया। इस दौरान हवाई फायरिंग भी की गई। इस घटना में दशाश्वमेध थाने में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास, पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास, पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अजय राय, पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, अरुण पाठक, अजय चौबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्बल और असित दास समेत अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था।