*अनाज बैंक ने अनाज के साथ रंग और गुलाल भी बांटे*
*अनाज बैंक ने गरीबों के घर चूल्हा जलाकर बांटी रंग बिरंगी खुशियां*
वाराणसी, 17 मार्च । ये त्योहार भी अजीब होते हैं, आते हैं तो खुशियां लेकर। लोग बाग खुशियों को खरीदकर घर ले आते हैं, लेकिन उस गरीब का क्या करें जिसके मन मे चूल्हा न जलने की टीस रहती है। होली में बन रहे पकवानों की महक भले ही होली के त्योहार की खुशियों में चार चांद लगाती हो, लेकिन गरीब के घर में दो जून निवाला मिल जाये तो फिर किसी पकवान से कम थोड़ी है। उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद का गांव लमही भले ही आज़ादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा हो, लेकिन हाय रे गरीबी, मुंशी जी जैसा छोड़ गए थे, वैसे ही है।
विशाल भारत संस्थान द्वारा संचालित विश्व के पहले अनाज बैंक ने मुंशी प्रेमचन्द के गांव के हर उस घर में रंग बिरंगी खुशियां बांटने का निश्चय किया जहाँ पकवानों की सिर्फ महक पहुंचती है। अनाज बैंक ने होली के त्योहार को देखते हुए हिन्दू परिवारों को चिप्स, पापड़, चीनी, रिफाइंड, आटा, चावल, दाल, रंग, अबीर देकर घर–घर में पकवान बनाने की सुविधा उपलब्ध कराई।
लमही के सुभाष भवन में अनाज बैंक द्वारा आयोजित महावितरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने अनाज बैंक के मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार के नाम वाली पोटली में अनाज के साथ गुलाल भी दिया, ताकि पकवान भी बन सके और रंगों का त्योहार भी मन सके।
नाइजीरिया में रहने वाले अप्रवासी भारतीय प्रवीन गोयल ने अनाज बैंक के माध्यम से त्योहार की सामग्री उपलब्ध कराई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि मुंशी प्रेमचन्द ने जिस गरीबी का जिक्र कभी अपनी कहानियों में किया था, उसे आज भी हम अपनी आंखों से देख रहे हैं। अनाज बैंक सभी तीज त्योहारों पर मुंशी जी के गांव वालों का पूरा ख्याल रखता है। पकवान की महक से अब पेट भरने की जरूरत नहीं, बल्कि खुद पकवान बनाकर परिजनों को खिलाने और रंग गुलाल से होली मनाने का अवसर अनाज बैंक देता है। अनाज बैंक पेट भरने की गारंटी भी देता है और खुशियां मनाने का अवसर भी।
अनाज बैंक की प्रबंध निदेशक अर्चना भारतवंशी ने बताया कि होली पर अनाज बैंक ने बच्चों के लिए रंग और पिचकारी की भी व्यवस्था की है, ताकि बच्चे खुशियों में शामिल हो सकें।
अनाज बैंक ने लमही क्षेत्र के 300 परिवारों को इन्द्रेश होली पोटली वितरित की है, जिसमें कलावती, चिंता, फूला देवी, सुमन, लालती, सविता, चन्दा, मालती, संगीता, धनेसरा, रीता, अर्चना, पार्वती, मैना, सीमा, किरन, बिन्दू, ममता, किशुना, सौम्या, लक्ष्मीना, निर्मला, तारा, नीतू, धामा आदि लोग शामिल हैं।
महावितरण में इली भारतवंशी, नजमा परवीन, नाजनीन अंसारी, डा० मृदुला जायसवाल, डा० गुंजा गुप्ता, डा० भोलाशंकर गुप्ता, धनंजय यादव, खुशी रमन भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, सुनीता, सरोज, गीता, उर्मिला, प्रियंका आदि लोगों ने सहयोग किया।