नई दिल्ली, मार्च 20: इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट अगले महीने की शुरूआत में भारत के दौरे पर आ रहे हैं। इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने पीएम नेफ्ताली बेनेट की भारत यात्रा को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया है और कहा है कि, पीएम बेनेट अप्रैल की शुरूआत में अपनी पहली आधिकारिक भारत यात्रा करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी के साथ साथ भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
इजरायली प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट ने भारत दौरे को लेकर अपनी प्रसन्नता जताई है। भारत दौरे को लेकर नेफ्ताली बेनेट ने कहा कि, ‘मैं अपने मित्र, प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा करने के लिए खुश हूं, और हम साथ मिलकर अपने देशों के संबंधों के लिए आगे बढ़ते रहेंगे।” इससे पहले दोनों नेता पहली बार पिछले अक्टूबर में ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) के मौके पर मिले थे, जहां पीएम मोदी ने बेनेट को भारत की आधिकारिक यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। इजरायल के पीएमओ ने एक प्रेस रिलीज में कहा है कि, यात्रा का उद्देश्य देशों के बीच रणनीतिक गठबंधन को आगे बढ़ाना और मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार करना है।
इजरायली प्रधानमत्री कार्यालय ने कहा कि, ‘इसके अलावा, प्रधानमत्री, नवाचार, अर्थव्यवस्था, अनुसंधान और विकास, कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे’। इजरायली प्रधानमंत्री का भारत दौरा दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30 वीं वर्षगांठ के उत्सव को चिह्नित करेगी। भारत सरकार ने पहली बार इजरायली राजधानी तेल अवीव में साल 1992 में अपना दूतावास खोला था और उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंधों का विस्तार होना शुरू हो गया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र और कृषि क्षेत्र में कई समझौते हुए और भारत को इजरायल से रक्षा क्षेत्र में काफी मदद मिली है। भारत को इजरायल से काफी घातक हथियार और खुफिया मदद मिलती है।
वहीं, भारत दौरे को लेकर नेफ्ताली बेनेट ने काफी खुशी दिखाई है। भारत और इज़राइल के बीच संबंधों को फिर से शुरू करने के लिए पीएम मोदी को श्रेय देते हुए बेनेट ने कहा कि, “हमारी दो अनूठी संस्कृतियों के बीच संबंध गहरे हैं, और वे गहरी प्रशंसा और सार्थक सहयोग पर भरोसा करते हैं।” बेनेट ने कहा कि, ‘बहुत सी चीजें हैं जो हम भारतीयों से सीख सकते हैं, और यही हम करने का प्रयास करते हैं। साथ में हम इनोवेशन और टेक्नोलॉजी, सुरक्षा और साइबर, कृषि और जलवायु परिवर्तन से अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करेंगे।”