विश्वकर्मा महासभा ने सुभाष बाबू की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाया

वाराणसी। ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा ने सुभाष बाबू की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने सुभाष बाबू के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे।वह समय से आगे देखने वाले दक्ष योजनाकार तथा अखण्ड भारत का सपना देखने वाले महान वैचारिक क्रांति वाले शख्सियत थे।सुभाष बाबू से मिलने वाला हर शख्स उनके शांत और सौम्य व्यवहार के साथ भारतीय मसलों पर दृढ़ निश्चय के साथ बात करने की कला से प्रभावित हुए बगैर नहीं रह पाता था। वह राष्ट्रवाद,समाजवाद संविधान,हिंदू मुस्लिम एकता,यूरोपीय राजनीति जैसे विभिन्न मुद्दों पर उच्च विचार रखते थे।वह मजबूत केंद्रीय सरकार चाहते थे।जिसके माध्यम से भारत एकीकृत हो सके वह भारतीय नेताओं में पहले ऐसे नेता थे।जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण की नीति बनाई। वह किसानों के भी सच्चे हितैषी थे। वह जमींदारी प्रथा को खत्म करके किसानों को श्रृण के बोझ से मुक्ति दिलाना चाहते थे। उनके द्वारा दिया गया जय हिंद का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉक्टर प्रमोद कुमार विश्वकर्मा नंदलाल विश्वकर्मा भैरव विश्वकर्मा सुरेश विश्वकर्मा महेंद्र विश्वकर्मा चंद्रशेखर विश्वकर्मा विजय विश्वकर्मा मोहित विश्वकर्मा आदि लोग थे।

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