मंडलायुक्त की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वाराणसी के पर्यवेक्षण समिति की बैठक संपन्न

मंडलायुक्त की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वाराणसी के पर्यवेक्षण समिति की बैठक संपन्न

बैठक में वरुणा व अस्सी नदी के जीर्णोद्धार के लिये एनजीटी के द्वारा बनी कमेटी के प्रगति की समीक्षा हुई

मंडलायुक्त ने एक वर्ष की समयावधि बीत जाने पर भी प्रोजेक्ट से संबंधित कोई कार्य नहीं होने पर संबंधित के खिलाफ चेतावनी जारी करने का आदेश दिया

वाराणसी। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में वाराणसी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यवेक्षण समिति की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें मंडलायुक्त ने उचित दिशानिर्देश दिये।

सर्वप्रथम बैठक में वरुणा नदी की सफाई के संबंध में एनजीटी के आदेशों के पालन में बनी कमेटी के प्रोग्रेस की समीक्षा हुई। एक वर्ष की समयावधि बीत जाने पर भी सिंचाई विभाग द्वारा अब तक कोई सर्वे नहीं कराया गया, कोई डिजाइन नहीं बनायी गयी तथा प्रोजेक्ट में कोई रुचि नहीं ली गयी जिसके लिये मंडलायुक्त ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुये नोटिस जारी करने का आदेश दिया। सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव को भी प्रोजेक्ट से संबंधित बिन्दुओं को अवगत कराने हेतु पत्र प्रेषित करने को कहा।

बैठक में 15 दिन के भीतर आर्द्रभूमि के निर्माण के संबंध में उसकी लंबाई, चौड़ाई तथा उसकी गहराई की विस्तृत रिपोर्ट डिजाइन प्रस्तुत करने का आदेश भी मंडलायुक्त द्वारा दिया गया।

बैठक में एनजीटी के नए मानक के हिसाब से भगवानपुर, दीनापुर तथा डीएलडब्ल्यू एसटीपी अपग्रेड करने की बात हुई तथा जलनिग़म द्वारा बताया गया कि गोईठहाँ, रमना तथा रामनगर नये मानक के हिसाब से तैयार हो रहे।

मंडलायुक्त ने सिंचाई, जलनिगम इन सभी को एनजीटी द्वारा तय टाइमलाइन से एक वर्ष पीछे चलने के कारण चेतावनी जारी करने तथा प्रोजेक्ट से संबंधित सभी बिन्दुओं को 2 माह के भीतर पूरा करते हुए 15 मई को जमा करने का आदेश दिया।

बैठक में मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी द्वारा पिछले महीने चौकाघाट क्षेत्र में वरुणा नदी के संबंध में बनायी गयी कमेटी जिसमें नगर आयुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी तथा इकोटास्क फोर्स के लोग सम्मिलित थे की विस्तृत रिपोर्ट तलब की गयी जिसमें सारे अतिक्रमण चिन्हित करने सहित उन घरों को चिन्हित करना शामिल है जो वरुणा नदी में सीवर, कूड़ा इत्यादि गंदगी डालते। मंडलायुक्त द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए प्रति सप्ताह बैठक करने का आदेश दिया गया ताकि प्रोजेक्ट को गति प्रदान किया जाये।

बैठक में प्रदूषण, सिंचाई, जलनिग़म, वन विभाग से संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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