वाराणसी। राजस्व आसूचना निदेशालय ( DRI ) की वाराणसी इकाई को बड़ी सफलता मिली है. वाराणसी के डाफी टोल प्लाज़ा पर करोड़ों के खेप के साथ गांजा बरामद हुआ है. डीआरआई ने खुफिया सूचना के आधार पर ओडिशा के रायगढ़ से मुरादाबाद ले जाया जा रहा 590 किलोग्राम गांजा पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। पकड़ा गया गांजा चावल की भूसी लदी ट्रक में भूसी के नीचे छुपा के रखा गया था। इस दौरान दो सगे भाइयों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए गांजे की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 करोड़ 18 लाख आंकी गयी है।
DRI के सीनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर आनंद राय ने बताया कि हमें खुफिया सूचना मिली थी कि दिल्ली को कोलकाता से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे से चावल की भूसी लादे हुए ट्रक में गांजा की एक बड़ी खेप ले जाई जा रही है। खुफिया सूचना के आधार पर हमने इंटेलिजेंस ऑफिसर लेख राज, मुकुंद सिंह और अनंत विक्रम के साथ डाफी टोल प्लाजा के समीप घेरेबंदी की। चिह्नित ट्रक जब आया तो उसे रोक कर तलाशी शुरू की गई। भूसी के नीचे ट्रक के बीचों बीच गांजा पैकेट में भर कर रखा हुआ था।
ट्रक में सवार तीनों आरोपियों रामपुर जिले के स्वार निवासी मोहम्मद इरफान और नौगवां के सगे भाई अकरम अली व आसिफ अली ने बताया कि वह सिर्फ कूरियर ब्वॉय का काम करते हैं। उन्हें कहा गया था कि यदि गांजा की खेप सकुशल मुरादाबाद पहुंच जाएगी तो डेढ़ लाख रुपए मिलेंगे। इसके अलावा रास्ते के लिए डीजल और खाने-पीने का खर्च अलग से दिया गया था। उन्हें यह नहीं पता है कि गांजा भेजवाने और लेने वाला कौन है।
DRI के सीनियर इंटेलिजेंस ऑफिसर आनंद राय ने बताया कि ओडिशा के नक्सल प्रभावित इलाकों से मुरादाबाद ले जाया जा रहा साढ़े तीन क्विंटल गांजा हमने 2019 में पकड़ा था। मुरादाबाद में गांजा तस्कर गिरोह का एक बड़ा नेक्सस है जो बेहद ही शातिर तरीके से तस्करी करता है।
नहीं करते मोबाइल का इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि यह नेक्सेस न मोबाइल इस्तेमाल करता है और आज तक उसके बारे में कोई सटीक सूचना भी नहीं मिल पाई। गांजा की जो खेप बचते-बचाते मुरादाबाद पहुंच जाती है वहां से उसे दिल्ली और पंजाब के अलग-अलग इलाकों में भेजा जाता है। हमारी तफ्तीश जारी है, तस्करी के इस नेटवर्क में अन्य जिस किसी की भी संलिप्तता उजागर होगी उसके खिलाफ हर हाल में कार्रवाई होगी।