हॉस्टल एलॉटमेंट करने को लेकर सेंट्रल ऑफिस के सामने बीएचयू के छात्रों ने दिया धरना

वाराणसी। देश भर के विश्वविद्यालयों में साल 2007 के बाद OBC आरक्षण लागू कर दिया गया। ऐसे में 27 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से हॉस्टल्स में रूम न दिए जाने के विरोध में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के OBC छात्र इस सामान सेंट्रल ऑफिस के सामने धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों की मांग है कि एक हफ्ता पहले विश्वविद्यालय प्रशासन ने चंद घंटे में सभी फार्मेल्टी पूरी होने का आश्वासन देते हुए 7 दिन का समय माँगा था पर आज 9 दिन होने के बाद भी कोई कार्य न होने पर आज हम जवाब लेने आये हैं।

प्रदर्शन करने वाले छात्रों में से एक राणा रोहित ने बताया कि 2007 में देश भर के विश्वविद्यालयों में ओबीसी आरक्षण लागू किया गया। उसके साथ ही साथ व्यवस्थाएं भी बढ़ीं और आरक्षण के नाम पर फण्ड भी आया और काम भी हुए। हमारे विश्वविद्यालय में भी ओबीसी हॉस्टल ओबीसी आवंटन के फंड से बने जिनकी संख्या 39 है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 4400 से अधिक कमरे ओबीसी के छात्रों के लिए बने हैं लेकिन वो उन्हें आवंटित नहीं है।

राणा रोहित ने बताया कि हम लोग 10 दिन पहले आये थे तो कहा गया था कि बस हस्ताक्षर होना है सभी फ़ॉर्मेल्टी हो गयी है। उन्होंने हमें 7 दिन का समय दिया था पर आज 9 दिन हो गया। ऐसे में आज हम सभी लोग कुलपति जी से पूछने आया हैं कि वो सर्कुलर कहां है जो 7 दिन पहले तैयार हो गया था और सिर्फ हस्ताक्षर के लिए आज 9 दिन हो गए वो सर्कुलर पास क्यों नहीं हुआ।

एक अन्य छात्र भुवाल यादव ने बताया कि ओबीसी आरक्षण लागू होने पर कुलपतियों ने हाथ खड़े कर दिए कि हमारे पास अलग से फंड नहीं है। ऐसे में ओबीसी फण्ड बनाकर कई हॉस्टल्स, फैकेल्टी बिल्डिंग, शिक्षकों की भर्ती की गयी। बीएचयू में भी कई बिल्डिंग बनी जिसमें बीएचयू में 39 हॉस्टल बने हैं। लेकिन 15 वर्षों से हम ओबीसी छात्रों की हकमारी की है। इसके लिए हमने 10 जनवरी को ज्ञापन दिया। तो उन्होंने कहा कि एक घंटे में अधिसूचना जारी की जायेगी, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ है।

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