हनुमान जन्मोत्सव के शोभायात्रा पर घुसपैठियों के हमले से संत समाज आक्रोशित

बहुत हो चुका, अब हमला बर्दाश्त नहीं –महंत बालक दास

वाराणसी, 18 अप्रैल। नई दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर निकाले जा रहे शोभायात्रा पर लाठी, डण्डों, तलवारों से बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों ने हमला कर दिया और मस्जिद के छतों पर से पत्थर फेंके गये। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी महाराज ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया। काशी के संतों से चर्चा करने के बाद उन्होंने कहा कि गंगा जमुनी तहजीब, सेकुलर मुल्क, अभिव्यक्ति की आजादी, डरे हुए मुसलमान के नाम पर कब तक हिन्दुओं के धार्मिक शोभायात्रा पर हमले होते रहेंगे ? बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को बचाने के लिये 10 पार्टियाँ खड़ी हैं, लेकिन हिन्दुओं के पक्ष में ये दल कुछ बोलना नहीं चाहते। टी०वी० और अखबार वाले एक सम्प्रदाय या समुदाय विशेष लिखकर चुप्पी पा लेते हैं और समाज में भ्रम की स्थिति पैदा करते हैं। जब ये पता चल गया कि मुस्लिम मुहल्लों से गुजरने पर शोभायात्रा पर पत्थर फेंके जायेंगे, बमों से हमला होगा और हिन्दुओं को तलवार से काट दिया जायेगा, तो क्यों नहीं सरकार इन इस्लामिक जिहादियों को चिन्हित कर उनकी नागरिकता खत्म करती है। दंगा करने वाले इस्लाम के नाम पर हिन्दुओं के अन्दर दहशत पैदा करना चाहते हैं, जैसे ये मुगल काल में कर रहे थे। अब तो लगता है कि इस्लाम का मकसद लोगों का डराना और हिंसा करना है, ताकि हिन्दू समाज अपने धर्म को न मना सके। 4 राज्यों में रामनवमी के शोभायात्रा पर संगठित तरीके से पथराव इस्लामी जिहादियों की सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा है। इससे पहले कि भारत गृह युद्ध की तरफ बढ़ जाये और राजनैतिक दल रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों के जरिये हिन्दुओं का नरसंहार करा दें, भारत सरकार को कड़ कदम उठाना चाहिये और इनको हिन्दू समुदाय के खिलाफ युद्ध का अपराधी मनकर दण्डित किया जाना चाहिये।

महंत बालक दास ने कहा कि संत समाज जल्द ही बैठक कर बड़ी योजना बनायेगा, ताकि हिन्दुओं की सुरक्षा निश्चित की जाये। भारत में ही अगर हिन्दुओं के शोभायात्रा पर इस्लामी जिहादी हमला करते रहे, तो अन्य देशों में हिन्दुओं का क्या होगा ? जो भाईचारे की बात करते हैं, उन मुसलमानों ने अब तक इन दंगाईयों के खिलाफ मार्च क्यों नहीं निकाला ? भारत सरकार दंगे को स्थाई रूप से रोकने के लिये दंगाईयों को चिन्हित कर उनके सारे अधिकार समाप्त करे और दंगा करने वालों के परिवार को दण्डित करे।

इस सन्दर्भ में संत समाज का प्रतिनिधि मण्डल राष्ट्रपति से जल्द मुलाकात करेगा।

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