स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
वाराणसी: प्रधानमंत्री की प्रेरणा से जनपद में ग्राम्य विकास विभाग के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन निरंतर नए प्रयास कर रही है। स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाएं आत्मनिर्भर बन महिला सशक्तिकरण का संदेश दे रही हैं साथ ही रोजगार का अवसर भी प्राप्त कर रही हैं। इसी कड़ी में सोमवार को चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) परिसर में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से ‘दीदी कैफे – प्रेरणा कैंटीन’ शुरू किया गया ।
कैंटीन का शुभारंभ पूर्व ब्लॉक प्रमुख त्रिभुवन नारायण सिंह ने किया । उन्होने कहा कि सरकार की ओर से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पूरा सहयोग मिल रहा है जिससे वह आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बन सकें और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें । मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि सभी सीएचसी पर कैंटीन खोलकर महिलाओं ने एक नया आयाम स्थापित किया है। यहां कैंटीन खुल जाने से मिनी एनआरसी में भर्ती बच्चों तथा मरीजों को ताजा भोजन मिलने के साथ ही तीमारदारों को स्वच्छ एवं शुद्ध नाश्ता मिलेगा। इससे समूह की अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरबी यादव ने समूह की महिलाओं का उत्साहवर्धन किया । समूह की प्रमुख रीना देवी ने कहा कि स्वयं आत्मनिर्भर बनकर उन्होने करीब 50 हजार की लागत से इस कैंटीन को शुरू किया है । इस कार्य में ग्राम्य विकास विभाग और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर पूरा सहयोग मिला है । कैंटीन में शुद्ध व ताजा खाना मौजूद है जिससे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र से दूर नहीं जाना होगा ।
इस मौके पर खंड विकास अधिकारी अशोक कुमार, बाल विकास परियोजना अधिकारी अंजु चौरसिया, खंड शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार राय, एडी आईएसबी रवि प्रकाश सिंह, ब्लॉक मिशन प्रबन्धक अनीता, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शिखा श्रीवास्तव, बीपीएम प्रेरणा श्रीवास्तव व अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।
अब तक छह सीएचसी पर शुरू हुई कैंटीन – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबन्धक विक्रम सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की पहल पर इस साल के शुरुआत से अब तक छह ग्रामीण स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ‘दीदी कैफे – प्रेरणा कैंटीन’ का संचालन शुरू किया जा चुका है । इसमें मुख्यमंत्री की गोद ली गई सीएचसी हाथी बाजार (सेवापुरी), सीएचसी अराजीलाइन, सीएचसी नरपतपुर (चिरईगांव), सीएचसी बिरांवकोट (बड़ागांव) और सीएचसी मिसिरपुर काशी विद्यापीठ शामिल हैं । जल्द ही शेष सीएचसी पर भी कैंटीन शुरू की जाएगी ।