जीवन में करें कमाल जय-जय झूलेलाल, सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है झूलेलाल उत्सव
समाज के सभी वर्ग के लोग जयंती में होते हैं सम्मिलित
(विक्की मध्यानी )
वाराणसी।नवरात्र के प्रथम दिन(शनिवार)को सिंधी समाज के इष्टदेव झूलेलाल साईं जी की जयंती(चैट्रीचंड्र)जनपद में कई जगहों पर आयोजित की गई है। झूलेलाल सिंधी हिंदुओं के अराध्य देव माने जाते है,जिन्हें इष्टदेव व वरुण का अवतार भी कहा जाता है।यह अवसर करोना कॉल उपरांत 2 वर्ष बाद मनाया जा रहा है।सिंधी समाज का एक भजन जिसे सभी वर्ग गाते और पसंद करते हैं,यह काफी प्रचलित भी है।लाल मुझी पथ रखजाये झूले लालण दमा दम मस्त कलंदर।इस पावन पर्व पर सिंधी समाज की तरफ से बीते वर्षो की तरह इस साल भी जनपद में कई जगहों पर भंडारे एवं झांकियों का आयोजन किया गया है।
बता दें कि इस अवसर पर पांडेपुर सिंधी कॉलोनी में तीन दिवसीय झूलेलाल महोत्सव मनाया जाता है।इसी क्रम में सिंधी समाज की तरफ से पांडेपुर सिंधी कॉलोनी,भुवनेश्वर नगर अर्दली बाजार,अमर नगर सोनिया,सिंधु नगर सिगरा,झूलेलाल नगर महमूरगंज,झूलेलाल मंदिर प्रांगण लक्शा इत्यादि स्थानों से अपराहन भंडारे के आयोजन के बाद संध्या बेला पर इन सभी जगहों से झूलेलाल की प्रतिमा पूरे लाव -लश्कर,बैंड )-बाजे,नृत्य,आकर्षक कलाकृतियां अनेकों झांकियों के साथ पैदल ही मां गंगा (दशाश्वमेघ) की तरफ विसर्जन के लिए रवाना होती है।
इस मौके पर गदौलिया चौराहे पर रंग बिरंगी आतिशबाजी के साथ लकी ड्रा का आयोजन रखा जाता है। जिस क्षेत्र की झांकियां सर्वश्रेष्ठ सुंदर दिखती है उसे सर्वदलीय सिंधी पंचायत द्वारा प्रथम,द्वितीय व तृतीय अवार्ड देकर प्रोत्साहित मत सम्मानित किया जाता है।तत्पश्चात प्रतिवर्ष भंडारे का आयोजन भी रखा जाता है।