सतुआ बाबा और महंत बालक दास को राहत, सात साल पुराने प्रतिकार यात्रा मामले में मिली जमानत

वाराणसी: सात साल पहले प्रतिकार यात्रा के दौरान हुई हिंसा और बवाल में आरोपी महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा और बालक दास को गुरुवार को जमानत मिल गई। एमपी/एमएलए कोर्ट के प्रभारी न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने जमानत अर्जी मंजूर की। अदालत ने दोनों आरोपियों को 20 हजार के दो जमानतदार देने पर रिहा करने का आदेश दिया। सात साल पुराने इस मामले में सतुआ बाबा और बालक दास को अदालत में पेश नहीं होनेके कारण फरार घोषित किया गया था।

बुधवार को दोनों ने दोनों ने प्रभारी विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत में समर्पण किया था। अदालत ने अंतरिम जमानत देते हुए जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए गुरुवार की तिथि दी थी। दोनो महंत की तरफ से अधिवक्ता एसके द्विवेदी ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा और मामला शांति भंग का बताया।

कोर्ट ने कहा कि मामले में आरोपियों की कोई विशेष सहभागिता नहीं है। विडियोग्राफी और फोटोग्राफी में भी कोई सहभागिता नहीं है। अन्य आरोपियों की जमानत हो गई है। ऐसे में इन आरोपियों की भी जमानत मंजूर की जाती है।

ये है पूरा मामला

गंगा में गणेश प्रतिमा विसर्जन करने पर अड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सतुआ बाबा और महंत बालक दास ने पांच अक्तूबर 2015 को मैदागिन स्थित टाउनहॉल मैदान से प्रतिकार यात्रा निकाली थी। यात्रा के दौरान गोदौलिया चौराहे पर बवाल हुआ था। आगजनी की गई थी। पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था। साथ ही मुकदमा दर्ज करके कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने मामले की विवेचना की और कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। पुलिस ने सतुआ बाबा, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद व महंत बालक दास समेत कई लोगों को जिम्मेदार ठहराया। सुनवाई के दौरान ही अविमुक्तेश्वरानंद ने अग्रिम जमानत की अर्जी डाली थी। विचार के बाद कोर्ट ने जमानत दे दी। अब सतुआ बाबा और महंत बालक दास को भी जमानत मिल गई।

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