वाराणसी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तावित इस वर्ष का विषय था ‘हमारी आज की समझदारी है कल का भविष्य सुनिश्चित करती है’ । इसी विषय को ध्यान में रखते हुए वेबीनार का विषय था “स्थायी खाद्य एवं बेहतर भविष्य”। इस वेबीनार में दो विशिष्ट अतिथि वक्ताओं का व्याख्यान हुआ ।
प्रथम वक्ता डॉक्टर प्रिया केसरी (असिस्टेंट प्रोफेसर, आहार एवं पोषण विज्ञान, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय) ने इस बात पर बल दिया कि सिर्फ भोजन की कमी से ही कुपोषण नहीं होता बल्कि आज के समय में अत्यधिक पोषण भी एक समस्या है जिसके कारण मोटापा,उच्चरक्तचाप एवं अन्य जीवनशैली से जुड़ी हुई बीमारियां सामने आती हैं।उन्होंने ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए शरीर में पोषणीयआवश्यकता एवं पूर्ति के महत्व को ठीक तरह से समझने पर बल दिया ।साथ ही उन्होंने फंक्शनल फूड, न्यूट्रास्यूटिकल्स ,फाइटोन्यूट्रिएंट्स एवं एंटीऑक्सीडेंट्स के महत्व को भी बताया।
वेबीनार की दूसरी अतिथि वक्ता थीं डॉ प्रियंका सिंह जो कि बैंगलोर में कार्यरत एक वरिष्ठ नैदानिक आहार विशेषज्ञ हैं ।डॉ प्रियंका ने भोजन में मोटे अनाज एवं परंपरागत भोजन के महत्व पर विशेष बल दिया। भविष्य में आहार की कमी ना हो इसके लिए देशज भोजन, मौसमी भोजन एवं क्षेत्रीय भोजन के महत्व को अति सरलता से समझाया।
दोनों ही वक्ताओं का मत था कि भविष्य में खाद सुरक्षा को सुनिश्चित करने एवं भुखमरी जैसी समस्या को समाप्त करने के लिए हमारे भोजन में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध सभी खाद्य वर्गों के आहार को सम्मिलित करना चाहिए। दोनों ही वक्ताओं का व्याख्यान सारगर्भित एवं सरल था ।
वेबीनार में अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सुमन मिश्रा जी ने किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में छात्राओं को विश्व खाद्य दिवस के महत्व के भी विषय में बताया ।वेबीनार से महाविद्यालय के प्रबंधक श्री अनिल कुमार जैन भी जुड़े ।उन्होंने छात्राओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हमारा परंपरागत भोजन अत्यंत ही स्वास्थ्यवर्धक है और छात्राओं को जंक फूड की तरफ नहीं भागना चाहिए। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन आहार एवं पोषण विज्ञान विषय की वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ आकृति मिश्रा ने किया।अतिथियों के व्याख्यान की निष्कर्ष को समझाते हुए उन्होंने भविष्य की खाद सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘वसुधैव कुटुंबकम: के भाव को समझने पर विशेष बल दिया ।वेबीनार में गृह विज्ञान संकाय की डीन एवं आहार एवं पोषण विज्ञान विषय की अध्यक्ष डॉ अनीता सिंह ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने अपने वक्तव्य में शाकाहार के महत्व पर विशेष बल दिया एवं वनस्पतिजगत से प्राप्तहोने वाले भोजन के महत्व को बताया। वेबिनार में मानव विकास विभाग की डॉ अर्चना सिंह अनुदेशक के रूप में उपस्थित रहीं।
वेबीनार में महाविद्यालय के एवं देशभर से अनेक शिक्षक एवं छात्राएं जुड़े जिनमें से प्रमुख रूप से गृह विज्ञान संकाय से डॉ विभा सिंह, डॉक्टर दिव्या राय,डॉक्टर दिव्या पाल, डॉ रुचि त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे ।साथ ही महाविद्यालय से डॉ आभा सक्सेना,डॉक्टर ओपी चौधरी, डॉ आकाश आदि भी उपस्थित रहे और इस मंच से अपने विचारों को भी साझा किया ।