श्री अग्रसेन कन्या पी०जी० कॉलेज, वाराणसी के लिए आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक रहा, जब महाविद्यालय के परमानन्दपुर परिसर में प्रातःकालीन प्रार्थना सभा का आयोजन प्रातः 8.30 बजे किया गया। नवागत प्राचार्य डॉ० मिथिलेश सिंह ने कहा कि प्रार्थना से हमें ऊर्जा प्राप्त करने की शक्ति मिलती है, सोच सकारात्मक होती है। प्रार्थना से लौकिक व अलौकिक समस्या का समाधान होता है। इससे हमारा सामाजिक दृष्टिकोण, नैतिक मूल्य तथा कर्त्तव्यनिष्ठा में वृद्धि होती है।
श्री सिंह ने कहा कि किसी महाविद्यालय में पठन-पाठन शुरू करने के पूर्व एक सकारात्मक शैक्षिक परिवेश की शुरुआत करने वाली प्रातःकालीन सभा हमारे अन्दर एक दूसरे के प्रति सद्भाव, प्रेम तथा समर्पण का जज्बा पैदा करती है। साथ ही हम छात्राओं, कर्मचारियों एवं शिक्षकों को एक अपनी दिनचर्या से अवगत करा सकते हैं। प्राचार्य ने इस अवसर पर कहा कि प्रतिदिन एक महापुरुष का विचार प्रस्तुत किया जायेगा, जिन्हें कोई छात्र कर्मचारी या अध्यापक प्रस्तुत कर सकता है। आज का विचार उन्होंने स्वयं प्रस्तुत किया। “किसी दिन जब आपके सामने कोई समस्या न आये, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं स्वामी विवेकानन्द।”
हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ० अर्चना सिंह ने कहा कि प्रार्थना चारित्रिक एवं आत्मिक उन्नयन के लिए अत्यन्त आवश्यक है। आत्मबल, नैतिक बल उत्पन्न करता है, कर्तव्य का बोध कराती है और हमारे अन्दर आत्मसम्मान व अनुशासन की भावना उत्पन्न होती है। हर व्यक्ति को एक दूसरे व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए और हमेशा आत्मगौरव के भाव से जागृत रहना चाहिए।
इस अवसर पर प्रार्थना सभा की संयोजक डॉ० अनीता सिंह ने कहा कि हमें हमेशा एक दूसरे के साथ प्रेम, त्याग, सहयोग, सहनुभूतिपूर्वक सम्बन्ध रखना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ० अपर्णा शुक्ला ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ० ओ०पी० चौधरी ने किया प्रार्थना प्रस्तुत करने का कार्य बी०ए० प्रथम वर्ष की छात्रा आयुषी एवं आकांक्षा ने किया।
महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ० ओ०पी० चौधरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह प्रार्थना प्रतिदिन परमानन्दपुर परिसर में 8.30 बजे एवं बुलानाला परिसर में 8.00 बजे से आयोजित होती, जिसमें उस समय परिसर में उपस्थित सभी प्राध्यापक, कर्मचारी एवं छात्राएँ उपस्थित रहेंगी।