वाराणसी। लूट के मामले में पुलिस एनकाउंटर में गिरफ्तार आरोपी को बृहस्पतिवार को जमानत मिल गयी। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अशोक कुमार सिंह यादव की अदालत ने खलासपुर, भभुआ, कैमूर (बिहार) निवासी महताब आलम को 50-50 हजार रुपए की दो जमानते एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, पंकज तिवारी व विकास सिंह ने पक्ष रखा।
⚡प्रकरण के अनुसार रामनगर थाना प्रभारी 29 अक्टूबर 2021 को टेंगरामोड के समीप वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। उसी दौरान सिगरा थाना प्रभारी द्वारा सूचना दी गई कि लूट के मामले में दो वांछित अपराधी रामनगर की ओर आ रहे हैं।
हमलोगो द्वारा उनका पिछा किया जा रहा है। इस सूचना पर रामनगर पुलिस ने घेराबंदी कर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। तभी एक बाइक से दो बदमाश आते दिखाई दिये। दोनों ओर से पुलिस की घेराबंदी देख बदमाशों ने मोटरसाइकिल छोड़कर पुलिस पार्टी पर फायर करना शुरू कर दिया। पुलिस ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायरिंग की। जिसमें दोनों बदमाशों के पैरो में गोली लगी और वह वहीं गिरकर छटपटाने लगे। मौके पर पुलिस ने दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर मोटरसाइकिल को कब्जे में ले लिया। पूछताछ में बदमाशों ने 29 अक्टूबर 2021 को सिगरा थाना क्षेत्र के फातमान के समीप एक महिला की चेन लूटने समेत अन्य लूट की घटनाओं में शामिल होने की बात कही।
उसी शिक्षिका से लूट के मामले में बुधवार को दोनों आरोपितों को अदालत से जमानत मिल गयी।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ताओं ने दलील दी कि आरोपितों को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। इस दौरान इनके पास से चेन बरामद नहीं हुई है। पुलिस ने फर्जी जुर्म स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर मुल्जिम बना दिया है। अदालत ने पत्रावली के बाद आरोपितों को जमानत का पर्याप्त आधार पाते हुए जमानत दे दी।