नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले हफ्ते हुई लखीमपुर खीरी हिंसा को योजना के तहत अंजाम दिया गया था। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, लखीमपुर खीरी हिंसा को घटना या हादसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि ऊपर से दी गई अनुमति के बिना कुछ भी नहीं हो सकता है। ओवैसी ने आरोप लगाया कि हिंसा असल में सुनियोजित थी। तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।
पूरी तैयारी के साथ किया गया लखीमपुर खीरी हिंसा’
आजतक से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘लखीमपुर खीरी हिंसा की आवेगपूर्ण प्रतिक्रिया नहीं थी। यह पूरी तैयारी के साथ किया गया था। आप इसे घटना नहीं बोल सकते हैं, ये सब ऊपर से दी गई आदेश के बाद किया गया है।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बारे में बोलते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आशीष को बचाने का आरोप लगाया। ओवैसी ने यूपी पुलिस पर भी सवाल उठाए और कार्रवाई में देरी का भी आरोप लगाया।
ओवैसी ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अगर कार आपकी या आपके परिवार के सदस्यों की है तो आप अभी भी मंत्री के रूप में कैसे बैठे हैं? आप कैसे कह रहे हैं कि भाजपा जिम्मेदार नहीं है? मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को भाजपा बचाने में लगी हुई है।” ओवैसी ने आगे उत्तर प्रदेश पुलिस पर मामले की जांच की प्रक्रिया में देरी करने का आरोप लगाया।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के परिजनों को दिए गए मुआवजे पर तंज कसते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘इन लोगों को (योगी सरकार) शर्म आनी चाहिए। क्या मानव जीवन की कीमत केवल 45,00,000 रुपये है?’ बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ बातचीत की और हिंसा में मारे गए चार किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ आए। लेकिन लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं गए, एक शब्द भी नहीं कहा।’ केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई आरोपों के बाद अजय कुमार मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर कर देना चाहिए।