रिपोर्ट – विनोद विश्वकर्मा
रामायण के रूप में देश को कलजयी धारावाहिक देने वाले रामानंद सागर (चद्रमौली चोपड़ा)का जन्म 1917में लाहौर में हुआ था।
नानी ने पालन पोषण किया था।1932 में मूक फिल्म में क्लेपर से शुरू किया।बाद में पृथ्वी थिएटर में असिस्टेंट मैनेजर केरूप में जुड गए। चरस, आंखे के निर्देशन किया।उसके बाद छोटे पर्दे पे आए और *रामायण* बनाई जिसकी।लोकप्रियता के नए आयाम स्थापित किया।
इसके प्रसारण के समय सड़को पे सन्नाटा पसरा रहता था। आलिफ लैला भी इन्होंने बनाई। 12दिस.सन2005 में इनका निधन हो गया।रामायण धारावाहिक कीआवश्यकता आज भी है रामायण धारावाहिक हमारे सनातन धर्म का प्रतिबिंब है। रामायण हमारी संस्कृति की कड़ी है।
आज राष्ट्रवादी चिंतक मंच*ने सनातन धर्म को जीवित रखने में गांवों, विदेशी भाष्य देशों में सहायक है। राष्ट्रवादी चिंतक मंच ने रामानंद सागर के पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया।