वाराणसी। मीरापुर बसही में एच.आर.डी संस्थान की ओर से सरस्वती शिशु मंदिर में रविवार को बच्चों के विकास में अभिभावक की भूमिका विषयक सेमिनार आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि स्वामी अमरेश्वरानंद ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में माता-पिता अपने आपको खुद ही समय के हिसाब से ढाल नहीं पा रहे हैं, जिसकी वजह से बच्चे गलत दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को समय के हिसाब से स्वयं में बदलाव लाना जरूरी है, जिससे बच्चों में खुद ही सुधार होगा। बच्चों में व्यवहारिक संस्कार से लेकर उनकी शिक्षा तक अभिभावकों का महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उदाहरण के तौर पर आजकल के बच्चों में मोबाइल के प्रति लगाव, अभिभावकों की अनदेखी की वजह से ज्यादा बढ़ रहा है। यहां तक कि बच्चे देर रात तक मोबाइल में व्यस्त रहते हैं और सुबह देर तक सोने की आदत हो गई है। स्वामी जी ने अभिभावकों के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि जिस समय बच्चों में पढ़ने की आदत डालनी चाहिए उस समय बच्चे सोते हैं। प्रातः यदि जल्दी उठकर मां सरस्वती का ध्यान कर बच्चों में पढ़ने की आदत डाली जाए और रात्रि में बच्चों से मोबाइल हटाकर उनके होमवर्क या पढ़ाई के लिए उत्साहित किया जाए तो बच्चों में बौद्धिक क्षमता के साथ विकास के साथ संस्कार स्वत: पैदा होगा।
विशिष्ट अतिथि डॉ जितेंद्र सिंह डॉ व्योमेश चित्रवंश, रामकृष्ण मिश्र, सूर्यभान सिंह थे। मंच पर संगीतमय भजन प्रस्तुति में तबला पर के के श्रीवास्तव का योगदान रहा। संचालन तान्या चौधरीस्वागत व संयोजन एचआरडी संस्था के सचिव अजय कुमार यादव ने किया। इस अवसर पर अखिलेश सिंह, उमेश जी, डॉ ओपी सिंह, अशोक सिंह, राधेश्याम मनोज विश्वकर्मा राकेश तिवारी और बच्चों के अभिभावक और क्षेत्र के लोग शामिल थे।