लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पहले चरण के लिए 58 सीटों पर नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार 14 जनवरी से शुरू हो जाएगी। नामांकन प्रक्रिया को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रत्याशी चयन प्रक्रिया तेज कर दी है। ऐसा बताया जा रहा है विधानसभा चुनाव के लिए गठित प्रदेश चुनाव समिति के सामने पहले चरण के दावेदारों के नाम रख दिए गए।
तय हुआ है कि मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ इन पैनलों में शामिल नामों पर चर्चा कर 15-16 जनवरी तक प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी। साथ ही, खराब छवि वाले मौजूदा विधायकों का बीजेपी इस बार टिकट कट सकता है।
लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर सोमवार 10 जनवरी को चुनाव समिति की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने चुनाव प्रचार की रणनीति प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की कोविड गाइडलाइन के तहत डोर टू डोर प्रचार किया जाएगा। पार्टी बड़े नेताओं की डिजिटल सभा और रैली करेगी। इसके लिए बूथ स्तर तक पूरी तैयारी है।
बैठक में तय किया गया कि पार्टी चरणवार प्रत्याशी घोषित करेगी। हालांकि कुछ जगहों पर सपा और बसपा के प्रत्याशी को देखते हुए जातीय समीकरण के हिसाब से उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। चूंकि पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर मतदान होना है, इसलिए सबसे पहले इन्हीं सीटों के लिए कवायद शुरू की गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संगठन के पास संबंधित क्षेत्र और जिलों से आए 58 विधानसभा सीटों के दावेदारों के पैनल की सूची मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के सामने रखी गई। यह सूची लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल दिल्ली पहुंच रहे हैं।
वहां राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ इन नामों पर चर्चा करने के संसदीय बोर्ड को सूची भेजी जाएगी। बैठक में शामिल पदाधकारियों ने भी यही मत रखा कि चूंकि 14 से नामांकन शुरू होने हैं, इसलिए पहले चरण के प्रत्याशियों की सूची 15-16 जनवरी तक घोषित हो जाने चाहिए। साथ इस बात पर चर्चा हुई है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस बार खराब छवि वाले मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं देगी। वह जिताऊ व टिकाऊ उम्मीदवारों पर ही दांव खेलेगी।