पुरानी पेंशन शिक्षक कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद सम्मान सहित जीवन और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है-आनन्द कुमार सिंह
वाराणसी| 1 अप्रैल को पेंशन विहीन शिक्षक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रवि कुमार सोनी के आव्हान पर शिक्षक कर्मचारियों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर नई पेंशन नीति का विरोध किया व सांसद विधायक की ही तरह शिक्षक कर्मचारी को भी पुरानी पेंशन सुविधा पुनः उपलब्ध कराने की मांग की।
पेंशन विहीन शिक्षक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में नई पेंशन व्यवस्था में 1 अप्रैल 2005 के नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नही है।हमारे बुढ़ापे की लाठी भविष्य की सुरक्षा रूपी पेंशन की गारंटी उन कंपनियों पर निर्भर है जो शेयर बाजार में विश्वास करते हुए ,देश के शिक्षक कर्मचारियो की मेहनत की कमाई को शेयर बाजार में लगाते है,जिसका हश्न सबके सामने है।शेयर बाजार से आय की कोई निश्चित गारंटी नही है।पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद जीवन के लिए निश्चिन्तता प्रदान करती थी क्योंकि इस योजना के तहत सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को उसकी तात्कालिक वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलती थी।
आज 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारी अपने आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा के प्रति बेहद चिंतित है।कर्मचारी के वेतन से काटी गई राशि की जिम्मेदारी सरकार अपने ऊपर न लेकर अपने द्वारा नियुक्त फंड मैनेजर को दी है जो किसी भी दशा में ठीक नही है।नई पेंशन व्यवस्था में अगर अच्छी होती तो देश के जनप्रतिनिधि सबसे पहले पुरानी व्यवस्था को छोड़कर नई व्यवस्था अपनाते।आज सरकार एक देश एक विधान की बात कर रही है तो अपने पुरानी व शिक्षक कर्मचारी को नई पेंशन क्यो दे रही है।पुरानी पेंशन व्यवस्था को हासिल करने के लिए सभी शिक्षक कर्मचारियों को एकजूट होकर सतत प्रयास की जरूरत है।भिक्षा नही अधिकार चाहिए,पुरानी पेंशन बहाल चाहिए।
पेंशन विहीन शिक्षक एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री आनन्द कुमार सिंह ने बताया कि 1 मई मजदूर दिवस को संगठन के आव्हान पर शिक्षक कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के निमित्त आत्मबल प्राप्त करने के लिए “पेंशन व्रत” रहेंगे व अपने आराध्य से पेंशन बहाली के लिए प्रार्थना करेंगे।आज नई पेंशन व्यवस्था का विरोध करने वालो में राकेश सिंह,आनन्द दुबे,रक्षा गुप्ता,साधना सिंह,अजय प्रताप सिंह,अरुण सिंह रहे।