इंसाफ के लिए जिलाधिकारी एवं सीपी से लगाई गुहार
वाराणसी : दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के दालमंडी काजीपुरा कला निवासी अति वृद्ध महिला नजमा बेगम (85) वर्ष ने मंगलवार को जिलाधिकारी एवं पुलिस आयुक्त से गुहार लगाई है महिला ने गुहार लगाते हुए बताया कि उसके पुत्र अबरार आलम ने घर से निकाल दिया है जबकि यह घर मेरे पुत्र इरशाद आलम की पत्नी तलत अनवर के नाम है। पीड़ित महिला जबकि अतिवृद्धि एवं असहाय बीमार एवं बेड पर है जो डॉक्टरों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है पूरे मामले को लेकर महिला कानून अपराध एडीसीपी ममता रानी ने दशाश्वमेध थाना प्रभारी से फोन के माध्यम से बात की एवं पीड़ित को न्याय दिलाने की बात कही और उन्होंने महिला एवं बच्चों पर जो पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई है उसको समाप्त करने का निर्देश दिया है।
जानकारी के अनुसार दशाश्वमेध थाना क्षेत्र निवासी नजमा बेगम पत्नी स्व0 अमीर आलम के तीन पुत्र है, जिसको अपने जीवन काल में सबको अलग – अलग संपत्ति का बंटवारा कर उसको रजिस्ट्री कर दिया था. जिसमें काजीपुरा कलां स्थित घर को अपने मंझले बेटे इरशाद आलम की पत्नी तलत अनवर के नाम रजिस्ट्री की है, जो 2006 में उनके देवर अबरार अलाम ने 6 महीने रहने के लिए मांगा था. जिसके कुछ दिन बाद घर के नीचे हिस्से में दो दुकान और मांग की और रहने लगा। जिसके बाद कब्जा पाने के बाद निकलने के नाम नहीं ले रहा है। जिसको लेकर इरशाद आलम ने सन 2011 में कोर्ट में बेदखली का मुकदमा दर्ज किया है,
इसके बाद इरशाद आलम की अतिवृद्ध माता तलत अनवर (85) वर्ष तीन कमरे एवं लैट्रिन बाथरूम के साथ प्रथम तल पर रहती थी व अपनी बेटी के यहां कुछ दिनों के लिए रहने गए जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई जिसके बाद वह हॉस्पिटल में रहना पड़ा। आरोप है कि हॉस्पिटल रहने के दौरान अबरार आलम ने मां के कमरे को भी हड़प लिया है जिसको लेकर दशाश्वमेध पुलिस एवं एसीपी के पास इरशाद आलम सुनवाई के लिए गए जहां उनकी बात नहीं सुनी गई तो आज वह जिलाधिकारी को पत्रक सौंपा वही पुलिस कमिश्नर को पत्रक सौंपा जहां एडीसीपी ममता रानी ने पत्रक लेकर कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने दशाश्वमेध थाना प्रभारी को महिलाओं एवं बच्चों पर किए गए पुलिस कार्रवाई को समाप्त करने की भी बात कही है । वही, पूरे मामले को लेकर नजमा बेगम ने बताया कि वृद्धावस्था में वह कहीं आने जाने लायक नहीं है फिर भी उनके बेटे द्वारा घर से उनको निकाल दिया गया है वह चाहती हैं कि उनको रहने के लिए घर मिले । जिससे वह वृद्धावस्था में अपना जीवन यापन आसानी से कर सकें।