वाराणसी। देश का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे जल्द ही वाराणसी में मूर्त रूप देता दिखाई देगा। विधानसभा चुनाव के पहले इस प्रोजेक्ट पर शुरू हुए काम ने कागजी स्तर पर एक बार फिर चुनाव बाद परवाज पकड़ ली है। रोपवे को बनवाने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) द्वारा जारी निविदा में देश और विदेश की 7 कंपनियों ने अपनी रूचि दिखाई है। ऐसे में कमिश्नर दीपक अग्रवाल और कुछ कंपनियों के अधिकारियों से लम्बी वार्ता के बाद पीपीपी मॉडल बनाने की अनुमति दी गयी है। अधिकारियों की माने तो सब कुछ ठीक रहा ऑटो 31 मार्च तक इस प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाली कंपनी का नाम फाइनल हो जायेगा।
इस सम्बन्ध में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि उतर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले ही प्रधानमंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी जानी थी पर कंपनियों के रूचि नहीं दिखाने की वजह से यह कार्य रोक दिया गया था। उन्होंने बताया कि यदि ऐसा नहीं होता तो अब तक कार्य शुरू हो गया होता। कमिश्नर के अनुसार इसपर पीपीपी मॉडल पर कार्य होना है।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि जो कंपनी इसका निर्माण करेगी उसी की संचालन की भी ज़िम्मेदारी होगी। हमने कई कंपनियों से बात की है और कुछ एक से पीपीपी मॉडल तैयार करने को कहा है। 31 मार्च तक सम्भवता यह फाइनल हो जाएगा कि कौन कंपनी इस कार्य को अंजाम देगी।
परियोजना के सम्बन्ध में बात करते हुए कमिश्नर ने बताया कि इस परियोजना का मार्ग कैंट से गोदौलिया होगा। इसके इस्तेमाल से श्रद्धालु दस मिनट में बाबा विश्वनाथ के धाम पहुँच जाएगा। इसमें 222 ट्रालियों का इस्तेमाल होगा। प्रत्येक में 10 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता होगी। एक समय में एक तरफ से 4500 यात्री सफर कर सकेंगे। परियोजना 410.30 करोड़ की लागत से बनने का अनुमान है। इसमें बीच में भी 4 स्टेशन प्रतावित हैं