आईआईटी कानपुर से मांगी जा सकती है मदद, टीम आने को तैयार
वाराणसी। ज्ञानवापी के सर्वे की सुप्रीम कोर्ट से लगायत लोवर कोर्ट से मिली अनुमति के बाद जांच की प्रक्रिया तेज हो गई है। हालांकि कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई खुदाई नही हो सकती। इसलिए जमीन के अंदर मौजूद प्रतिमा आदि की जानकारी के लिए विशेष तकनीक की जरूरत है। ऐसे में आईआईटी कानपुर की टीम इसकी कमान सम्भाल सकती है। बताया जाता है कि कानपुर आईआईटी की टीम तैयार है। उसे जैसे ही बुलाया जाएगा वह पहुंच जाएगी। आईआईटी कानपुर की टीम बिना खुदाई किये जमीन के अंदर की स्थिति का पता लगाने में सक्षम है। एएसआई की ओर से जानकारी मिलते ही प्रो. जावेद मलिक की अगुवाई वाली टीम वाराणसी पहुंचेगी और सर्वे का काम शुरू करेगी।
जानकारी के अनुसार वैज्ञानिकों की टीम जीपीआर तकनीक की मदद से सर्वे करेगी। इसमें किसी तरह की खुदाई करने की जरूरत नही पड़ेगी। बिना खुदाई किए ही जमीन के अंदर की वस्तुओं की पहचान उजागर कर सकेगी। ज्ञानवापी परिसर की हकीकत जानने के लिए अदालत के आदेश पर एएसआई सर्वे कर रही है। परिसर में जमीन के अंदर दबी मूर्तियों आदि का पता लगाया जा सकेगा। इस तकनीक से यह पता लग सकता है कि वह कितनी पुरानी है। एएसआई ने आईआईटी कानपुर के अर्थ साइंस विभाग के वैज्ञानिक प्रो. जावेद मलिक से मदद मांगी थी