जिला योजना की समिति की बैठक में सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने सिन्धी समाज के विस्थापितों का शोषण एवं पोषण पोटली के नाम पर हो रहे शिक्षकों के उत्पीड़न का उठाया मुद्दा

वाराणसी। वाराणसी जिले के कलेक्ट्रेट सभागार में जिला योजना समिति की आयोजित समीक्षा बैठक में सपा एमएलसी ने दो प्रमुख मुद्दों को विशेष तौर पर उठाया। उन्होंने सरकार द्वारा बेसिक शिक्षकों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर पोषण पोटली के नाम पर जबरदस्ती की जा रही वसूली पर जवाब मांगा, जिसपर मुख्य विकास अधिकारी ने उन्हें अवगत कराया कि पोषण पोटली में शिक्षक अपनी इच्छानुसार प्रतिभाग करने हेतु स्वतंत्र हैं तथा उनपर किसी प्रकार का भी कोई दबाव नही है।

जो शिक्षक चाहें वो प्रतिभाग कर सकते हैं और जो न चाहें वह प्रतिभाग न करें। इसपर श्री सिन्हा ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा शिक्षकों पर दबाव बनाकर उनसे वसूली की जा रही है। जिसपर मुख्य विकास अधिकारी ने उन्हें आश्वस्त किया कि किसी भी शिक्षक पर दबाव बनाकर वसूली नही की जाएगी और यदि कहीं से ऐसी सूचना प्राप्त होती है तो सम्बन्धित अधिकारी पर कार्यवाही भी की जाएगी।

इसके अतिरिक्त आशुतोष सिन्हा ने सिन्धी समाज के विस्थापितों के शोषण एवं नियम विरुद्ध तोड़ी जा रही उनकी दुकानों पर जवाब मांगा, जिसपर पुलिस कमिश्नर, वाराणसी ने उन्हें अवगत कराया कि जिन दुकानदारों ने अवैध अतिक्रमण करके अपनी दुकानें लगाई थीं, उन्हें तोड़ा गया। इस पर सिन्हा ने कहा कि इस मामले में वाराणसी प्रशासन निरंतर अत्याचार कर रहा है, इसलिए इस प्रकरण को हम मा0 उच्च न्यायालय एवं सदन तक लेकर जाएंगे और सिन्धी समाज के विस्थापितों को न्याय दिलाएंगे।

विदित हो कि बजट सत्र के दौरान भी आशुतोष सिन्हा ने सदन में भी सिंधी समाज के विस्थापितों की दुकानों के ध्वस्तीकरण को अवैध बताते हुए उसपर तत्काल रोक लगाए जाने की मांग की थी।

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