लखनऊ, 28 जनवरी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अहम बात है कि योगी आदित्यनाथ ने अपने गृह जनपद गोरखुर से ही चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में योगी आदित्यनाथ को उनके ही घर में चुनौती देना काफी मुश्किल काम है। लेकिन आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद को भरोसा है कि वह योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव में जीत दर्ज करेंगे। चंद्रशेखर आजाद ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उनका मानना है कि 1971 का इतिहास एक बार फिर से दोहराया जाएगा, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री को विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था।
चंद्रशेखर ने कहा कि हमे 1971 के इतिहास में जाने की जरूरत है जब मौजूदा मुख्यमंत्री टीएन सिंह को चुनाव में गोरखपुर से हार का सामना करना पड़ा था। उसी तरह से योगी आदित्यनाथ जोकि यूपी और गोरखपुर की बर्बादी के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा। सपा के साथ गठबंधन विफल रहने के बाद आजाद ने फैसला लिया है कि वह अन्य छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे। आजाद ने कहा कि मैं सपा के साथ गठबंधन करना चाहता था ताकि भाजपा को को रोक सकूं और वोटों का बंटवारा ना हो। लेकिन जब सपा ने हमे हमारा हिस्सा देने से इनकार किया तो हमने गठबंधन से मना कर दिया।
खुद पर वोट काटने के आरोपों पर आजाद ने कहा कि जब युवा रोजगार के लिए सड़क पर थे और उनके ऊपर लाठी चल रही थी तो उनके लिए हम खड़े हुए थे, जब हमारी बहनों के साथ अन्याय हुआ तो हम उनके साथ थे, आखिर जनता के सही मुद्दों को किसने उठाया, हमने उठाया। अखिलेश यादव के साथ अनबन को लेकर आजाद ने कहा कि सपा अपना का कर रही है और हम अपना काम कर रहे हैं। मुझे सपा से कोई दिक्कत नहीं है।
आजाद का मानना है कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने 2012 से 2017 तक सपा का शासन देखा, 2017 से 2022 तक भाजपा का शासन देखा। सपा से निराश होकर लोगों ने भाजपा को वोट दिया, लिहाजा सपा की वजह से भाजपा सत्ता में आई। लोग एक बार फिर से वही गलती नहीं दोहराएंगे। जब आजाद से पूछा गया कि क्या आप चुनाव के बाद गठबंधन करेंगे तो उन्होंने कहा इस बारे में समय आने पर पार्टी फैसला लेगी। मैं गोरखपुर जाऊंगा और लोगों के बीच अपना एजेंडा रखूंगा।
योगी आदित्यनाथ को हराने को लेकर आश्वस्त आजाद न कहा कि मैं उन्हें जरूर हराउंगा, हमे संगठनात्मक ताकत चाहिए और हमारे पास वो है। इस सरकार की कई विफलताएं हैं, महंगाई, कोरोना को बुरी तरह से हैंडल करना, बेरोजगारी, भर्ती घोटाला, कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा जैसी कई विफलताएं इस सरकार के खाते में हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि योगी आदित्यनाथ पहले अयोध्या से चुनाव लड़ने वाले थे लेकिन उन्हें पता था कि मैं उनके खिलाफ लड़ूंगा और यही वजह है कि उन्होंने गोरखपुर अर्बन से चुनाव लड़ने का फैसला लिया। अगर योगी आदित्यनाथ ने अच्छा काम किया है तो आखिर उन्हें वापस गोरखपुर क्यों जाना पड़ा।
आजाद ने कहा कि गोरखपुर के लोग योगी से डरते नहीं हैं और ना ही लोग उनके तुगलकी फरमान को मानेंगे। गोरखपुर के लोग 1971 का इतिहास फिर से दोहराएंगे। बता दें कि कांग्रेस नेता टीएन सिंह को 1971 में गोरखपुर से हार का मुंह देखना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। गौर करने वाली बात है कि चंद्रशेखर आजाद ने 2014 में भीम आर्मी का गठन किया था। बाद में उन्होंने इसे आजाद समाज पार्टी का नाम दे दिया जोकि भीम आर्मी की पॉलिटिकल फ्रंट है।