प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा विलास क्रूज को 13 जनवरी को वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए करेंगे रवाना
वाराणसी। दुनिया की सबसे लंबे रिवर क्रूज का हिस्सा बनने के लिए 32 विदेशी पर्यटकों का दल मंगलवार को वाराणसी में एमवी गंगा विलास क्रूज पर सवार हो गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 13 जनवरी, 2023 को इस क्रूज को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। यह भारत के लिए रिवर क्रूज पर्यटन के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा। यह लग्जरी क्रूज भारत और बांग्लादेश के 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा।
ऐतिहासिक रिवर क्रूज यात्रा का साक्षी बनने के लिए 32 विदेशी पर्यटकों का दल मंगलवार को शाम 5:00 बजे वाराणसी के रामनगर टर्मिनल पहुंचा। इन सभी यात्रियों का बंदरगाह पहुंचने पर फूल माला और शहनाई बजाकर स्वागत किया गया। इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए विदेशी पर्यटक काफी उत्साहित दिखे। एमबी गंगा विलास को राम नगर टर्मिनल से फिर रविदास घाट पर लाया जाएगा। 13 जनवरी को रविदास घाट से डिब्रूगढ़ के लिए नदी के रास्ते इनकी ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत होगी। इससे पूर्व पर्यटक वाराणसी के विभिन्न धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का भी भ्रमण करेंगे।
गंगा विलास लग्जरी क्रूज कोलकाता से 22 दिसंबर को रवाना हुई थी और मंगलवार को यह वाराणसी के रामनगर टर्मिनल पहुंचा। एमवी गंगा विलास क्रूज को दुनिया के सामने देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए सुसज्जित किया गया है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम के अलावा बंगलादेश के विभिन्न ऐतिहासिक शहरों के 50 पर्यटन एवं विश्व विरासत स्थलों की 51 दिनों की क्रूज यात्रा की योजना बनाई गई है।
एमवी गंगा विलास क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा है और आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है। इसमें तीन डेक हैं, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट हैं, जिसमें पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाएं हैं। जहाज अपने मूल में स्थायी सिद्धांतों का पालन करता है, क्योंकि यह प्रदूषण मुक्त प्रणाली और शोर नियंत्रण तकनीकों से लैस है। एमवी गंगा विलास की पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा का आनंद लेंगे। एमवी गंगा विलास के डिब्रूगढ़ पहुंचने की संभावित तिथि 1 मार्च, 2023 है।
एमवी गंगा विलास के यात्रा कार्यक्रम को ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के स्थानों पर रुकने के साथ भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए तैयार किया गया है। वाराणसी में प्रसिद्ध “गंगा आरती” से, यह बौद्ध धर्म की महान श्रद्धा के स्थान सारनाथ में रुकेगा। यह मायोंग को भी कवर करेगा, जो अपनी तांत्रिक विद्या के लिए जाना जाता है, और माजुली, सबसे बड़ा नदी द्वीप और असम में वैष्णव संस्कृति का केंद्र है। यात्री बिहार स्कूल ऑफ योग और विक्रमशिला विश्वविद्यालय भी जाएंगे, जिससे उन्हें आध्यात्मिकता व ज्ञान में समृद्ध भारतीय विरासत से रूबरू होने का मौका मिलेगा। यह क्रूज रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिए प्रसिद्ध बंगाल डेल्टा की खाड़ी में सुंदरबन के जैव विविधता से भरपूर विश्व धरोहर स्थलों के साथ-साथ एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से भी गुजरेगा।