बाराणसी। एक दिवसीय आटिज्म कार्यक्रम के तहत रविवार को महमूरगंज स्थित होटल सभागार में आटिज्म में सुधार के सरल तरीके कार्यक्रम का वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं जीनियस. लेन कंसल्टेन्ट पेडीट्रीशयन के संस्थापक व यू०के० प्रसिद्ध चिकित्सक डा०राहुल भारत ने चाइल्ड न्यूरोलॉजी से सम्बन्धित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आटिज्म एक गम्भीर बीमारी नहीं है बल्कि इसको माता-पिता सही देखभाल व चिकित्सक से सलाह लेकर जल्द से जल्द ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आटिज्म की जन जागरूकता कार्यक्रम जरूरी है।
ये जितना जागरूकता होगा उतना जल्द इलाज संभव हो पायेगा। डॉ० राहुल भारत पिछले 10 वर्षों से इंडिया में आटिज्म पर बेहतरीन कार्य कर रहे है और वे चाईल्स न्यूरोलाजिस्ट के विशेषज्ञ चिकित्सक है। डॉ० भारत ने कहा कि अगर आपके बच्चे में मिर्गी, आटिज्म, पढ़ाई में परेशानी, अपने आप में गुमशुम अपना नाम बुलाने पर भी नहीं सुनना, अत्यधिक चंचलता या शरारतीपन, उम्र से कम व्यावहारिकता व समझ, अपनी उम्र के बच्चों से कम घुलना-मिलना आदि उपरोक्त में से कोई भी दिमागी व व्यवहार सम्बन्धित समस्या है तो तत्काल चिकित्सक से इलाज के लिए जानकारी ले। वाक वीथ मी (सेंटर फार आटिज्म) की फाउण्डर व डायरेक्टर डा० नीलम यादव ने आटिज्म पर विधिवत प्रकाश डाला। किया। कार्यक्रम में डॉ० राहुल भारत ने बताया कि आटिज्म सम्बन्धित बच्चे की बीमारी है तो वो नजर अंदाज न करके जल्द से जल्द इलाज करावे। उन्होंने बताया कि वाराणसी में पिछले दो महीनों से आटिज्म रोग पर इलाज कर रहे है। अभिभावक में जनजागरुकता होना जरूरी है।